राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अमृतसर में मार्च 2025 में हुए मंदिर ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया है. शरणजीत कुमार (35), जिसे सनी के नाम से भी जाना जाता है, को शुक्रवार को गया से पकड़ा गया. वह पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित भानी बंगर गांव का रहने वाला है. वह हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था. यह इस मामले में पांचवीं गिरफ्तारी है.
एनआईए की जांच से पता चला है कि इस हमले के पीछे यूरोप, अमेरिका और कनाडा में स्थित हैंडलर थे. उन्होंने भारत में अपने गुर्गों को विस्फोटक, धन, लॉजिस्टिक सहायता और लक्ष्य की जानकारी प्रदान की थी.
गुरसिदक सिंह और विशाल गिल ग्रेनेड, हथियार और गोला-बारूद की कई खेप खरीदने और सप्लाई करने में शामिल थे. 1 मार्च, 2025 को शरणजीत ने गुरदासपुर में एक अन्य आरोपी से चार ग्रेनेड की खेप प्राप्त की और हमले से दो दिन पहले गुरसिदक और विशाल को एक ग्रेनेड सौंपा.
क्या है पूरा मामला?
15 मार्च, 2025 को सुबह करीब 12:35 बजे ठाकुरद्वारा मंदिर के बाहर धमाका हुआ. दो नकाबपोश मोटरसाइकिल सवारों ने मंदिर की पहली मंजिल पर एक विस्फोटक फेंका, जिससे दीवार का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और खिड़कियों के शीशे टूट गए. हमले के बाद, पंजाब पुलिस ने गुरसिदक सिंह और विशाल को पहचाना. 17 मार्च को, जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा, तो उन्होंने पुलिस पर गोलियां चलाईं, जिससे एक हेड कांस्टेबल घायल हो गया. पुलिस की जवाबी गोलीबारी में गुरसिदक सिंह की मौत हो गई.
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इससे पहले, एनआईए ने 21 मई, 2025 को भगवंत सिंह उर्फ मन्ना भट्टी को अमृतसर से गिरफ्तार किया था. वह केएलएफ से जुड़े गुरसिदक सिंह और विशाल का मुख्य सहयोगी था. मन्ना भट्टी पर गुरसिदक सिंह और विशाल को छिपने में मदद करने का आरोप है. उसके बैंक खाते में आतंकी फंडिंग भी मिली थी. इस मामले में पहले दीवान सिंह (सनी) और साहिब सिंह (सबा) को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.