नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया को पायलट ड्यूटी नियमों के उल्लंघन के मामले में शोकॉज नोटिस जारी किया है. ये नोटिस फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) से जुड़ी गंभीर और बार-बार की गई गलतियों को लेकर दिया गया है.
इससे पहले DGCA ने एअर इंडिया के तीन अधिकारियों- डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट चूरा सिंह, चीफ मैनेजर (क्रू शेड्यूलिंग) पिंकी मित्तल और क्रू प्लानिंग अधिकारी पायल अरोड़ा को उनके पदों से हटाने का भी आदेश दिया था. DGCA के अनुसार इन तीन अधिकारियों ने न केवल अनधिकृत और असंगत क्रू संयोजन किया, बल्कि लाइसेंसिंग नियमों और क्रू आराम समय के नियमों का भी उल्लंघन किया.
क्या है मामला?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक DGCA ने 16 और 17 मई को बेंगलुरु-लंदन फ्लाइट्स की स्पॉट जांच के दौरान पाया कि दो उड़ानों में पायलट की ड्यूटी समयसीमा 10 घंटे से अधिक हो गई थी, जो नागरिक उड्डयन के नियमों का उल्लंघन है. नोटिस में डीजीसीए ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा कि मौके पर जांच के दौरान यह पाया गया कि एअर इंडिया ने 16 और 17 मई 2025 को बेंगलुरु से लंदन के लिए दो उड़ानें संचालित कीं, इन दोनों उड़ानों में पायलट्स का ड्यूटी टाइम निर्धारित 10 घंटे की समय सीमा से ज्यादा था.
कड़ी कार्रवाई के आदेश
DGCA ने एअर इंडिया से 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है कि क्यों न इन उल्लंघनों पर कार्रवाई की जाए. साथ ही तीनों अधिकारियों के खिलाफ आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने और 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
ऑपरेशनल भूमिका में नहीं रहेंगे तीनों अधिकारी
इन अधिकारियों को अब से किसी भी ऑपरेशनल भूमिका में नहीं रखा जाएगा और जब तक एयरलाइन अपने क्रू शेड्यूलिंग सिस्टम में सुधार नहीं करती, तब तक ये किसी ऐसी जिम्मेदारी में नहीं रहेंगे, जिससे फ्लाइट सुरक्षा या ड्यूटी अनुपालन प्रभावित हो सके.
अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद बढ़ी सख्ती
ये मामला उस समय सामने आया है जब हाल ही में एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (अहमदाबाद से लंदन) उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 270 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. जबकि फ्लाइट में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई थी, इस हादसे में सिर्फ एक विश्वास कुमार रमेश नाम का व्यक्ति ही जीवित बचा था.