महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूर की किसी को चिंता नहीं है क्योंकि ये वोट बैंक नहीं हैं. तभी तो जो मुंबई कोरोना की चपेट में है, जो महाराष्ट्र देश में कोराना का केंद्र है, वहां से प्रवासी मजदूरों की विदाई किसी को नहीं अखरी. प्रवासी मजदूरों ने पिछले साल लॉकडाउन के बाद तमाम दिक्कतें झेलीं. जिस मुंबई में आज 9200 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं, वहां से ट्रेन की खचाखच भरी बोगियों में सफर करके ये दोबारा अपने घर को लौट रहे हैं.