जिन अनिल देशमुख पर इतना बवाल हो रहा है, उनके बारे में जानना भी ज़रूरी है कि आखिर अनिल देशमुख की सियासी ताकत क्या है और ऐसा क्या है कि एनसीपी इतने बड़े दाग के बावजूद अनिल देशमुख को बचा रही है. 70 साल के अनिल देशमुख नागपुर इलाके के नेता है. 1995 से लेकर 2014 तक महाराष्ट्र में जितनी भी सरकारें बनीं, अनिल देशमुख हर सरकार में मंत्री बने. 1995 में उन्होंने पहली बार निर्दलीय चुनाव जीता था और पहली बार विधानसभा चुनाव जीतते ही वो बीजेपी शिवसेना की सरकार में मंत्री बन गए थे. 1999 में जब शरद पवार ने अपनी पार्टी एनसीपी बनाई तो वो एनसीपी में शामिल हो गए और फिर 15 साल तक कांग्रेस-एनसीपी की सरकारों में मंत्री रहे. 2014 में वो अपने भतीजे से विधानसभा चुनाव हार गए थे और 2019 में जब वो फिर जीते तो महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी की सरकार में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी के लिए वो शरद पवार की पहली पसंद थे. ज्यादा जानकारी के लिए देखिए वीडियो.