अंधविश्वास के नाम पर नासिक में ससुराल वालों ने 20 वर्षीय गर्भवती को इस निर्ममता से पेट के बल घसीटा कि उसके कोख में पल रहे भ्रूण की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
ससुराल वालों ने एक स्वयंभू बाबा के कहने पर उसे पेट के बल घसीट कर उसके कोख में पल रहे भ्रूण की कथित तौर पर हत्या कर दी. लिस ने बताया कि श्यामबाबा शिंदे नामक स्वयंभू बाबा ने दावा किया था कि गर्भ में कन्या है और परिवार के लिए अशुभ साबित होगी.
उन्होंने बताया कि शिंदे को जिले के निफड शहर से गिरफ्तार किया गया जबकि पीड़िता सुवर्णा गायकवाड के पति, सास, देवर और अन्य रिश्तेदारों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि यह घटना म्हासरुल इलाके में हुई.
पीड़िता सुवर्णा गायकवाड़ का पिछले साल जून में खांडेराव गायकवाड़ के साथ विवाह हुआ था. बताया जाता है कि ससुराल वाले विवाह के बाद से ही दहेज के लिए उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करते थे.
पुलिस ने यह भी बताया कि मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख रूपये दहेज के तौर पर लाने की मांग करते हुए ससुराल वाले महिला को परेशान कर रहे थे. बाद में जब, ससुराल वालों को पता चला कि वह गर्भवती है तो वे लोग उसे एक ‘स्वयंभू तांत्रिक’ श्यामबाबा शिन्दे के पास निफड़ ले गए जिसने बताया कि महिला बच्ची को जन्म देगी.
पुलिस के अनुसार, ससुराल वालों ने सुवर्णा से गर्भपात कराने को कहा. उसके इनकार करने पर उसके पति और ससुराल वालों ने उसे चार अप्रैल को कथित तौर पर पीटा जिससे कोख में पल रहे भ्रूण की मौत हो गई.
यह मामला अंधविश्वास उन्मूलन संगठन की नासिक इकाई के अध्यक्ष महेन्द्र दतरांगे ने उजागर किया जिसके बाद पति खांडेराव गायकवाड़, उसके भाई विजय गायकवाड़, मामा ससुर दिलीप सूर्यवंशी और उसके एक रिश्तेदार जलिंदर सूर्यवंशी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया.