शिव सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को मुंबई के वर्ली में एनएससी ग्राउंड में हुई. इस बैठक में आदित्य ठाकरे को शिवसेना नेता चुन लिया गया. आदित्य ठाकरे अभी युवा सेना के अध्यक्ष भी हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे को एक बर फिर से शिवसेना प्रमुख के तौर पर चुन लिया जाएगा, क्योंकि इस पद के लिए पार्टी के अन्य किसी नेता ने अपना नाम आगे नहीं बढ़ाया है.
2019 महाराष्ट्र चुनाव को लेकर होगी चर्चा
कार्यकारिणी की बैठक में 2019 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी. वहीं, पार्टी अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी करते हुए कई नेताओं को पार्टी के काम की जिम्मेदारी सौंपेगी. सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग के बाद आदित्य ठाकरे को पार्टी में नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. आदित्य युवा सेना के तौर पर राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन शिवसेना में उन्हें कोई पद नहीं मिला था. अब उन्हें शिवसेना नेता चुन लिया गया है. ऐसी चर्चा है कि आदित्य को 2019 के चुनाव के मद्देनजर भी बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी.
'शिवसेना नेता' के क्या मायने?
शिवसेना नेता का पद शिवसेना प्रमुख के पद के बाद सबसे बड़ा होता है. इस पद पर काबिज व्यक्ति पार्टी की नीतियों को बनाने का काम भी कर सकता है. इस तरह से आदित्य ठाकरे को पार्टी में नंबर दो की पोजिशन मिली है.
संपादकीय में बाला साहब को किया गया याद
बता दें, ये मीटिंग शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की जयंती पर की जा रही है. मीटिंग से पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया कि, हिंदुस्तान आज खतरे में है. बाला साहब के द्वारा हिंदुत्व की नींव रखी गई और इस वजह से आज के राजनेता सत्ता का फल चख पा रहे हैं.
पीएम मोदी ने भी किया ट्वीट
Remembering Balasaheb Thackeray on his birth anniversary. He will always be remembered as a brave leader who worked tirelessly towards fulfilling the aspirations of people.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2018
वहीं, बाला साहब ठाकरे की जयंती पर पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, 'बाला साहब ठाकरे की जयंती पर उन्हें याद कर रहा हूं. वो हमेशा एक दिलेर नेता के तौर पर याद किए जाएंगे.'