उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर शिवसेना ने तीखा हमला किया है. महाराष्ट्र सरकार की मुख्य पार्टी ने ओवैसी को बीजेपी का अंगवस्त्र (BJP's Undergarment) कह दिया. असदुद्दीन ओवैसी पर शिवसेना ने परदे के पीछे से बीजेपी को मदद करने का आरोप लगाया है.
शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय लिखकर कहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव होने तक पता नहीं क्या-क्या देखना पड़ेगा. बीजेपी की सफल यात्रा के पर्दे के पीछे के सूत्रधार मियां असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी शानदार तरीके से काम में जुटी नजर आ रही है. ओवैसी ने यूपी चुनाव के अवसर पर जातीय, धार्मिक विद्वेष को पैदा करने की पूरी तैयारी कर ली है.
शिवसेना ने ओवैसी के हाल ही के लखनऊ दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रयागराज से राजधानी जाते समय कुछ समर्थकों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए. अब तक यूपी में ऐसे नारे नहीं लगे, लेकिन जैसे ही ओवैसी गए और भड़काऊ भाषण दिए, जिसके बाद पाकिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लगने शुरू हो गए.
'अंगवस्त्र की तरह ही ओवैसी को देखा जाएगा'
तीन तलाक कानून का जिक्र करते हुए शिवसेना ने संपादकीय में लिखा, ''जिन धर्मांध नेताओं, मुल्ला-मौलवियों ने इस कानून का विरोध किया, उनके पीछे मियां ओवैसी खड़े रहे. ऐसे में मुसलमानों के किस अधिकार और न्याय की बात ओवैसी द्वारा की जा रही है? मुसलमानों की राजनीति यह कोई राष्ट्रवाद हो ही नहीं सकती है. मुसलमान इस देश के नागरिक हैं और उन्हें देश के संविधान का पालन करते हुए अपना रास्ता बनाना चाहिए. ओवैसी के अंदर ऐसा कहने की जिस दिन हिम्मत आ जाएगी, उस दिन उन्हें देश के नेता के रूप में पहचान मिलेगी, नहीं तो उन्हें बीजेपी के अंगवस्त्र के रूप में ही देखा जाएगा.''
'बंगाल में भी ओवैसी ने की गंदी राजनीति'
शिवसेना ने अपने संपादकीय में ओवैसी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है. लिखा गया कि ओवैसी पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की गंदी राजनीति कर रहे थे. ममता बनर्जी की हार हो, इसके लिए मुसलमानों को भड़काने की पूरी कोशिश की गई. लेकिन वहां पर हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर ममता बनर्जी के पक्ष में वोट दिया और ओवैसी की राजनीति को दुत्कार दिया. इसके अलावा, शिवसेना ने ओवैसी पर बिहार चुनाव में भी शरारत करने का आरोप लगाया. संपादकीय में लिखा गया कि उसी शरारत की वजह से तेजस्वी मामूली अंतर से बिहार चुनाव हार गए. अगर ओवैसी ने ऐसा नहीं किया होता तो तेजस्वी यादव के हाथ में सत्ता होती.