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सहकारिता मंत्रालय के गठन पर बोले पवार- यह राज्य का विषय, केंद्र नहीं कर सकता हस्तक्षेप

केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने के बाद से महाराष्ट्र के सहकारिता विभाग मे हलचल होने की संभावना जताई जा रही है. शरद पवार ने इन संभावनाओं को नकार दिया.

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Sharad pawar
Sharad pawar
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केंद्र सरकार ने बनाया सहकारिता मंत्रालय
  • पवार बोले- सहकारिता विभाग कोई नहीं बात नहीं

केंद्र सरकार ने हाल ही में सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation) बनाने का ऐलान किया है. इसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को दी गई है. अब एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र के सहकारिता मंत्रालय को लेकर बड़ा बयान दिया. पवार ने कहा, राज्य के संविधान के मुताबिक, सहकारिता राज्य सरकार का मामला है, केंद्र सरकार राज्य द्वारा बनाए गए सहकारिता कानून में हस्तक्षेप नहीं कर सकता. इसलिए नए सहकारिता विभाग के गठन से महाराष्ट्र में कोई परेशानी नहीं होगी.  

केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने के बाद से महाराष्ट्र के सहकारिता विभाग मे हलचल होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, बारामती में मीडिया से बातचीत में शरद पवार ने इन संभावनाओं को नकार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सहकारिता विभाग पिछले कई साल से काम कर रहा है. इसलिए यह कोई नई बात नहीं. 

'मैंने इस विभाग का कामकाज देखा'
शरद पवार ने कहा कि जब कृषि मंत्री था, तब मैंने इस विभाग के कामकाज को देखा. केंद्र सरकार की ओर से सहकारिता विभाग का गठन कोई नई बात नहीं है. राज्य के संविधान के मुताबिक, सहकारिता राज्यों के लिए अलग मामला है और सहकारी कानून बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है. इसलिए महाराष्ट्र विधानसभा ने भी कानून बनाए हैं. 

विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस का ही बनेगा- पवार
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार में शामिल तीनों दलों में सहमति बनी है. इसलिए कोई कुछ भी कहे, अध्यक्ष कांग्रेस का ही बनेगा. पवार ने शिवसेना के बयान को दोहराते हुए कहा कि तीनों दलों ने एक स्पष्ट निर्णय लिया है. विधानसभा की अध्यक्षता कांग्रेस के पास थी और यह कांग्रेस के पास रहेगी. किसी को कुछ नहीं कहना है. हम कांग्रेस के अध्यक्ष से सहमत हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने फैसले पर कायम हैं.

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नाना पटोले पर पवार ने कसा तंज 
शरद पवार ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर भी तंज कसा. दरअसल, नाना पटोले ने हाल ही में एक सभा में डिप्टी सीएम अजीत पवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि बारामती की जनता अत्याचार से मुक्त होना चाहती है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने का भी दावा किया था. इस पर पवार ने कहा कि नाना पटोले जैसे छोटे आदमी के बारे में मैं क्या कहूं. अगर यही बात सोनिया गांधी बोलतीं तो उनको जवाब देता. 

समान नागरिकता कानून पर केंद्र की भूमिका पर फोकस
पवार ने समान नागरिकता कानून पर दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार समान नागरिकता कानून पर स्टैंड नहीं लेती. तब तक इसे लेकर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. निर्णय लेने का अधिकार केंद्र सरकार का होता है. उन्होंने कहा कि हम इसपर नजर रख रहे हैं कि केंद्र सरकार क्या कर रही है. 


 

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