नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार आज यानी शुक्रवार को बैलार्ड एस्टेट स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पेश होंगे. शरद पवार ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे ईडी के दफ्तर के सामने न जुटें. हालांकि उनके पोते रोहित पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पेश के दिन मुंबई में जुटने की अपील की है जिससे शुक्रवार को शरद पवार की पेश के दौरान हंगामे के आसार हैं.
उधर, शरद पवार ने कहा कि हम संविधान का आदर करने वाले लोग हैं, इसलिए पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग करें. इसलिए किसी भी तरह का ऐसा कोई काम न करें, जिससे लोगों को दिक्कत हो.
पवार ने एक के बाद एक करके तीन ट्वीट किए और अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वो कुछ भी ऐसा न करें जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े. उन्होंने कहा, 'मैं कल यानी शुक्रवार को दोपहर दो बजे मुबई के बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय जाउंगा.'
As mentioned during my press conference yesterday, I will be visiting the Mumbai ED office at Ballard Estate tomorrow, Friday 27 September, at 14.00 hrs. @MumbaiPolice @NCPspeaks
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) September 26, 2019
पवार की शांति की अपील
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मैं अपने सभी एनसीपी कैडर और समर्थकों से ईडी कार्यालय परिसर के पास इकट्ठा न होने की अपील करता हूं. संविधान और संस्थाओं के सम्मान के लिए हमारी परंपरा को ध्यान में रखते हुए, मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों को सहयोग के लिए अनुरोध करता हूं.'
इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, 'कृपया ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि लोगों को असुविधा न हो.'
Please take care and make sure that people are not inconvenienced.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) September 26, 2019
क्या है मामला?
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे अजीत पवार और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है. ईडी के मुताबिक धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के तुल्य मानी जाने वाली प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की गई है.
यह मामला मुंबई पुलिस की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों का नाम है. यह मामला ऐसे समय दर्ज किया गया है जब राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं.