scorecardresearch
 

टूलकिट केस: शांतनु को गिरफ्तारी से 10 दिनों की राहत, निकिता पर बुधवार को फैसला

अदालत ने शांतनु मुलुक को 10 दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी है. यानी कि उन्हें 10 दिनों के लिए रास्ते में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इस मामले की दूसरी आरोपी निकिता जैकब की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई. निकिता के मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Advertisement
X
दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन (फोटो- पीटीआई)
दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शांतनु मुलुक को 10 दिनों की ट्रांजिट बेल
  • पुलिस ने जारी किया है गैर जमानती वारंट

टूलकिट केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से शांतनु मुलुक को राहत मिली है. अदालत ने शांतनु मुलुक को 10 दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी है. यानी कि उन्हें 10 दिनों के लिए रास्ते में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इस मामले की दूसरी आरोपी निकिता जैकब की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई. निकिता के मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, निकिता मामले में अदालत बुधवार को फैसला सुना सकती है. 

बता दें कि टूलकिट केस में आरोपी निकिता जैकब और पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था. मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद बेंच में इस मामले में शुरू हुई. 

औरंगाबाद बेंच के जस्टिस कनकावदी ने मुलुक को 10 दिनों के लिए गिरफ्तारी से राहत दी है, ताकि वो अपनी गिरफ्तारी से रक्षा के लिए दिल्ली की अदालत में उचित प्लेटफॉर्म पर गुहार लगा सकें.

वहीं निकिता जैकब की याचिका पर जस्टिस पीडी नाइक की कोर्ट में सुनवाई हुई. निकिता जैकब ने अदालत से चार सप्ताह के लिये ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की है, ताकि वह दिल्ली में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के लिये संबंधित अदालत का रुख कर सके. 

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाए थे कि दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट तैयार किया है और इसे अन्य लोगों के साथ शेयर किया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार इनका मकसद भारत की छवि धुमिल करना और लोगों में असंतोष पैदा करना था. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement