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शोभा डे होश गंवा चुकी हैं और बौद्धिक दिवालियेपन की शिकार हो गई हैं: शिवसेना

मुंबई को महाराष्ट्र से अलग राज्य बनाने की बात करने वाली लेखिका-सोशलाइट शोभा डे को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने शनिवार को अपने लेख में आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वह बौद्धिक ‘दिवालियापन’ की शिकार हैं.

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शोभा डे
शोभा डे

मुंबई को महाराष्ट्र से अलग राज्य बनाने की बात करने वाली लेखिका-सोशलाइट शोभा डे को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने शनिवार को अपने लेख में आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वह बौद्धिक ‘दिवालियापन’ की शिकार हैं.

‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा है, ‘महाशया (शोभा डे) अपने होश गंवा चुकी हैं और बौद्धिक दिवालियेपन की शिकार हो गई हैं. वरना मुंबई में रहते हुए वह ऐसा बयान नहीं देतीं.’

गौरतलब है कि सिर्फ शिवसेना ने ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों ने डे के इस विवादित ट्वीट की प्रमुखता से आलोचना की है. दिलचस्प बात यह है कि संपादकीय में आगे लिखा है कि ट्विटर का इस प्रकार इस्तेमाल ‘बेवकूफाना’ है.

उसमें लिखा है, ‘सोशल मीडिया अच्छी चीज है. लेकिन नरेन्द्र भाई मोदी से लेकर सुषमा स्वराज और दिग्विजय सिंह से लेकर शोभा डे तक सभी (ट्विटर पर) टीका-टिप्पणी करते रहते हैं और लोगों को भ्रमित करते हैं. कभी-कभी ऐसे बयान उल्टा असर कर जाते हैं.’

लेख में सवाल किया गया है, ‘क्या आपकी इस सोशल मीडिया का देश के गरीबों से कोई संपर्क है?’ उसमें लिखा है कि ट्विटर व्यक्ति के निजी सामाजिक दायरे में लोकप्रियता दिलाने में उपयोगी हो सकता है लेकिन ‘यह चुनाव नहीं जिता सकता’. यह कहते हुए कि मुंबई कभी भी महाराष्ट्र से अलग नहीं हो सकता, संपादकीय में शोभा डे को (कांग्रेस के पुराने नेता) एस. के. पाटिल का उत्तराधिकारी बताया गया है.

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