सनातन धर्म पर विवादित बयान पर आरएसएस ने कहा कि यह सब राजनीतिक बयानबाजी है. बहुत लोगों ने सनातन को मिटाने की कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हुआ. संघ के सह कार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि जो लोग सनातन को खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्हें धर्म के बारे में क्या पता है?
पुणे में मीडिया से बात करते हुए डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा, "धर्म और रिलीजन अलग-अलग हैं. सनातन का मतलब शाश्वत है, जो बोलते हैं, शब्द प्रयोग करते हैं, कम से कम वो तो देखना चाहिए. इंडिया में आध्यात्मिक लोकतंत्र रहा है. अनेक प्रकार के आक्रमण होने के बाद भी हम अपराजित रहे हैं. यह सब राजनीतिक बातें हैं. समाज में जो कुरीतियां चल रही हैं, उनको दूर करने का काम तो सभी कर ही रहे हैं. ये सब राजनीतिक बयानबाजी हैं, बहुत से लोगों ने मिटाने की कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हुआ."
उन्होंने आगे बताया कि अखिल भारतीय समन्वय सम्मेलन में महिलाओं का समाज कल्याण कार्य में चर्चा हुई. RSS की करीब 38 हजार शाखाएं थीं, जो अब बढ़कर 42 हजार हो गई हैं.
डॉ. मनमोहन ने कहा कि समाज द्वारा एसटी-एससी को मैन स्ट्रीम में लाने के लिए प्रयास होने चाहिए. दूसरे आरक्षण के बारे में इस समन्वय परिषद में कोई डिस्कशन नहीं होता है. इसके अलावा देश के नाम को लेकर कहा कि भारत ही नाम होना चाहिए.
इसके अलावा आरएसएस सह सरकार्यवाह ने कहा कि 2014 के बाद जिस तरह दुनियाभर में भारत अपनी अलग पहचान बना रहा है, वो प्रशंसनीय है, लेकिन इतने सारे वर्षों का बैकलॉग है, सबकुछ ठीक करने में से 25 से 30 साल लगेंगे.