
पुणे के तलेगांव क्षेत्र के कुंडमाल के पास इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पुल भारी बारिश और तेज बहाव के कारण अचानक ढह गया, जिससे एक बड़ा हादसा हो गया. इसमें 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 18 लोग घायल हो गए हैं. सूबे के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि दोषिय़ों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं NCP (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले घटनास्थल पर पहुंची.
बताया जा रहा है कि ये पुल पिछले कुछ समय से खस्ताहाल स्थिति में था और वाहनों के लिए पहले ही बंद कर दिया गया था, लेकिन भारी बारिश और नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई लोग इस पुल पर आ गए और बढ़े हुए जलस्तर के नजारे देख रहे थे.
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुट गई. नदी में गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया गया. प्रशासन ने लोगों से नदी के आसपास अनावश्यक रूप से जमा न होने की अपील की है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
बताया जा रहा है कि ये पुल 2-3 महीने पहले बंद कर दिया गया था. क्योंकि पुल बेहद जर्जर स्थिति में था. हालांकि रविवार को पुल पर लोग एकत्र हो गए. लोग बढ़े हुए जलस्तर का नजारा देखने के लिए पुल पर पहुंचे थे. तभी पुल ढह गया और करीब 20-25 नदी में बह गए.
वहीं, सीएम फडणवीस ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार पुणे जिले के तालेगांव के पास इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने की घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. इसके अलावा राज्य सरकार घायलों के इलाज का खर्च भी उठाएगी.


महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हादसे में कई लोग फंसे हुए हैं. NDRF की टीम मौके पर जा रही है. जो भी काम जरूरी है, वो प्रशासन कर रहा है. उन्होंने कहा कि हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई है.

कुछ लोग बाइक लेकर पुल पर चढ़ गए
रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे एक सदस्य ने कहा कि बचाव अभियान जारी है. कुछ लोगों को बचा लिया गया है. हमें पक्का पता नहीं है, लेकिन पुल के मलबे के नीचे 20-25 लोग फंसे हुए हैं. पुणे में ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद, मावल तालुका में भुशी डैम और लोनावाला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल पिछले सप्ताह बंद कर दिए गए थे. इन स्थानों को 31 अगस्त तक बंद रखने का आदेश दिया गया था. नतीजतन, आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ गई. रविवार होने के कारण इंद्रायणी नदी के बढ़ते प्रवाह को देखने के लिए लगभग 100 से 120 लोग घटनास्थल पर एकत्र हुए थे. कुछ लोग तो पुल पर अपने दोपहिया वाहन भी चढ़ाकर आए, जिससे पुल का भार और बढ़ गया. माना जा रहा है कि अत्यधिक भार के कारण पुल ढह गया. रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 20 से 25 लोग बह गए होंगे. एनडीआरएफ की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच रही है.
38 लोगों को बचाया, इन अस्पतालों में इलाज जारी
बता दें कि ये हादसा रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ, जब इंद्रायणी नदी पर बना पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया. यह पुल आसपास के गांवों को जोड़ता था और मॉनसून में अक्सर सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन जाता है. हादसे के समय वहां लगभग 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे, जो बारिश के मौसम का आनंद लेने के लिए आए थे. अब तक 38 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जिनमें से 18 घायलहैं. इन्हें तत्काल एंबुलेंस से सोमतने फाटा, मावल तालुका के पावना हॉस्पिटल, मिमेर हॉस्पिटल और अथर्व हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 3 लोग अब भी पुल के ढहे हिस्से के नीचे फंसे हुए हैं.