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महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन पर सियासत, शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार को ऐसे समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए. सभी को संकट के इस समय में साथ मिलकर काम करना चाहिए.

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देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)
देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रेमडेसिविर को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गर्म
  • ब्रुक फार्मा के डायरेक्टर से दोबारा हो सकती है पूछताछ
  • शिवसेना और बीजेपी ने एकदूसरे पर लगाए आरोप

कोरोना वायरस की महामारी के बीच महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई को लेकर सियासत तेज हो गई है. महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की सप्लाई को लेकर बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने आ गई हैं. शिवसेना का आरोप है कि केंद्र सरकार कुछ रेमडेसिविर सप्लायर्स पर महाराष्ट्र में सप्लाई नहीं करने का दबाव बना रही है. वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि शिवसेना एक सप्लायर को इसलिए परेशान कर रही है क्योंकि उसने बीजेपी नेता से मुलाकात की थी.

वहीं, इस मसले पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार को ऐसे समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी को संकट के इस समय में साथ मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि  सभी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अनुमति दे दी गई है और प्रोडक्शन टीम से उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा गया है.

क्या है मामला

दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने वाले ब्रुक फार्मा के संचालक राजेश डोकानिया को पुलिस ने 17 अप्रैल को हिरासत में ले लिया था. उनके पास रेमडेसिविर का स्टॉक अधिक मात्रा में होने के आरोप में पूछताछ की गई. इसकी जानकारी मिलते ही पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस बीजेपी नेताओं के साथ पुलिस स्टेशन पहुंच गए और राजेश को तुरंत छोड़ने की मांग की. हालांकि, पुलिस ने राजेश को संबंधित जरूरी कागजात दिखाने के बाद जाने दिया. राजेश को अभी क्लीन चिट नहीं मिली है और पुलिस दोबारा पूछताछ कर सकती है.

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पुलिस अधिकारी के मुताबिक राजेश के पास रेमडेसिविर की कम से कम 60 हजार शीशियां स्टॉक में थीं. राज्य और केंद्र ने उन्हें यह स्टॉक बेचने की अनुमति दी है. मूलत: यह स्टॉक घरेलू बाजार में एक्सपोर्ट के लिए था. इस समय कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में रेमडेसिविर की किल्लत के मामले सामने आ रहे हैं.

बीजेपी का आरोप

बीजेपी ने राजेश से मुंबई पुलिस की पूछताछ का विरोध जताया है. बीजेपी का कहना है कि राज्य में महामारी संकट के बीच शिवसेना राजनीति कर रही है. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चार दिन पहले हमने ब्रुक फार्मा से रेमडेसिविर की सप्लाई का आग्रह किया था लेकिन यह तभी संभव था जब राज्य सरकार अनुमति देती. मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से बात की जिसके बाद हमें एफडीए से अनुमति मिली. बीजेपी का दावा है कि महाराष्ट्र सरकार के एक ओएसडी ने फार्मा एग्जीक्यूटिव को बुलाया और कहा कि वो विपक्षी पार्टियों की अपील के आधार पर रेमडेसिविर की सप्लाई कैसे कर सकते हैं? फडणवीस का दावा है कि फार्मा एग्जीक्यूटिव को पुलिस ने रात के 10 बजे उनके घर से गिरफ्तार किया.

पुलिस का बयान

पुलिस के मुताबिक दमन के ब्रुक  फार्मा के डायरेक्टर राजेश डोकानिया को पूछताछ के बाद जाने दिया गया. हालांकि उन्हें क्लीन चिट नहीं दी गई है. पुलिस को लगता है कि उन्होंने 60 हजार रेमडेसिविर की शीशियां जमा करके रखी हुई हैं. पुलिस ने यह जानकारी एफडीए के साथ साझा की है.मुंबई पुलिस और एफडीए ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान डोकानिया का नाम सामने आया है. पुलिस पूछताछ के लिए डोकानिया को फिर बुला सकती है.

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नवाब मलिक का आरोप

शनिवार की सुबह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार रेमडेसिविर उत्पादकों पर दबाव बना रही है कि वो महाराष्ट्र में इसका स्टॉक ना बेचें. उनके इस बयान के बाद से सियासत गर्म हो गई. देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि मलिक और कुछ मंत्रियों को लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है. इन लोगों को राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी है.

 

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