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महाराष्ट्र में 22 जुलाई से शुरू होगी OBC जन आक्रोश यात्रा, लक्ष्मण हाके, नवनाथ वाघमारे करेंगे नेतृत्व

महाराष्ट्र में 22 जुलाई से OBC जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत हो रही है. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल द्वारा 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने के बाद अब महाराष्ट्र में OBC जन आक्रोश यात्रा शुरू हो रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र में 22 जुलाई से OBC जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत हो रही है. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल द्वारा 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने के बाद अब महाराष्ट्र में OBC जन आक्रोश यात्रा शुरू हो रही है. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में मराठों और OBC के बीच पहले से ही भारी तनाव है. इस यात्रा में ओबीसी आंदोलनकारी लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे के साथ अन्य ओबीसी नेता भी शामिल रहेंगे.

22 जुलाई को इस यात्रा की शुरुआत जालना के दोदडगाव में मंडल स्तंभ को अभिवादन करके की जाएगी. नवनाथ वाघमारे ने कहा कि राज्य के ओबीसी समाज के मन में आक्रोश है, ओबीसी समाज का यह आक्रोश हमें सरकार तक पहुंचाना है, इसके लिए हम यह आक्रोश यात्रा निकाल रहे हैं. ओबीसी आरक्षण बचाव जन आक्रोश यात्रा में बड़ी संख्या में समाज बंधुओं से शामिल होने का आह्वान ओबीसी आंदोलन के नवनाथ वाघमारे ने किया.

22 जुलाई को इस आक्रोश यात्रा की शुरुआत होगी और यह यात्रा जालना के रामगव्हाण, वडीगोद्री, बीड, अहमदनगर, परभणी, हिंगोली, वाशिम, बुलढाणा जिलों से होती हुई छत्रपति संभाजीनगर जिले के पैठण तालुका में समाप्त होगी.

भूख हड़ताल शुरू करेंगे मनोज जरांगे
उधर, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर 20 जुलाई से जालना के अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर रहे है. मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी हैं और 13 जुलाई की समयसीमा बीत चुकी है. इसलिए 20 जुलाई से वह एक बार फिर मराठा आरक्षण के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर रहे हैं. कई लोग कह रहे हैं कि जरांगे पाटिल भूख हड़ताल शुरू न करें, लेकिन वह अड़े हुए हैं और शनिवार से भूख हड़ताल शुरू करेंगे.

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महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में आरक्षण को लेकर मराठों और ओबीसी के बीच पहले से ही भारी तनाव है. ओबीसी समुदाय और छगन भुजबल जैसे नेता पहले ही ओबीसी से मराठों के लिए आरक्षण के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में मराठा बनाम ओबीसी की कई घटनाएं देखने को मिली हैं.

जरांगे पाटिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ओबीसी कोटे के भीतर कुनबियों के 'सेज सोयरे' (जन्म या विवाह से रिश्तेदार) के लिए आरक्षण देने की अधिसूचना जारी करने में विफल रही.

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