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उम्रकैद की सजा काट रहे डॉन अरुण गवली ने 'गांधीवाद परीक्षा' में किया टॉप

बता दें कि डॉन अरुण गवली के अलावा जेल में बंद कई कुख्यात अपराधी और संगीन अपराध को अंजाम देने वाले आरोपी जेल में रहकर पढ़ रहे हैं या पढ़ चुके हैं.

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अरुण गवली (फाइल फोटो)
अरुण गवली (फाइल फोटो)

अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली ने नागपुर के सेंट्रल जेल में ली गई गांधी विचारधारा की परीक्षा में टॉप किया है. 1 अक्टूबर को गांधी विचारधारा पर आधारित परीक्षा में गवली ने 80 में से 74 नंबर हासिल किए हैं. इस परीक्षा में 160 कैदियों ने हिस्सा लिया था. बता दें कि अरुण गवली वर्तमान में  जेल उम्रकैद की सजा काट रहा है.

जेल में कैदियों का शिक्षा से मन परिवर्तन कराने के लिए सर्वोदय आश्रम द्वारा गांधी विचारधारा की परीक्षा को प्रोत्साहन दिया गया है. हर वर्ष जेल के अनेक कैदी परीक्षा में भाग लेते हैं.  नागपुर सेंट्रल जेल में बंद अंडरवल्ड डॉन अरुण गवली ने अब शिक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. 1 अक्टूबर को गांधी विचारधारा पर आधारित परीक्षा में 80 में से 74 नंबर लाकर यानी 90 प्रतिशत से ज्यादा नंबर पाकर टॉप करने वाला डॉन बीए कोर्स से समाजशास्त्र की पढाई कर रहा है. जिसका एग्ज़ाम वो दिसंबर में देने वाला है.

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इग्नू से ग्रेजुएशन कर रहा है गवली

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जेल में बंद कैदियों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास बीते लंबे वक्त से कर रहा है. जेल में बंद हजारों कैदी अब तक इग्नू से विभिन्न विषयों में डिग्री ले चुके हैं. गौरतलब है कि डॉन गवली 12 वीं पास नहीं है और किसी भी ग्रेजुएशन कोर्स के बारहवीं या उसके समकक्ष के पाठ्यक्रम में पास होना जरुरी है. लेकिन इग्नू में विशेष प्रावधान के तहत ग्रेजुएशन कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करने की व्यवस्था की है. इसी व्यवस्था के तहत जेल में बंद गवली ने जुलाई 2017 में एंट्रेंस एग्जाम दी. जिसमें वो पास हुआ और उसके बाद वो समाजशास्त्र की पढाई कर रहा है. इसकी प्रथम वर्ष की परीक्षा वो दिसंबर 2018 में देने वाला है.

परीक्षा में 160 कैदियों ने लिया था हिस्सा 

इस बार भी इस परीक्षा का आयोजन किया गया.  इसमें 160 कैदियों  ने सहभागिता दर्ज की. उनको अध्यन के लिए  गांधी विचारधारा की किताबें उपलब्ध कराई गई. नागपुर के अंडा सेल में सजा भुगत रहे डॉन अरुण गवली ने भी ये परीक्षा दी.  गवली को उपलब्ध कराए गए साहित्य से उसने गांधी की विचारधारा को अपनाया और यह परीक्षा पहले स्थान के साथ पास की. कुछ ही दिनों में जेल में आयोजित समारोह में अरुण गवली को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा.

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बता दें कि महात्मा गांधी की विचारधारा अहिंसा पर आधारित है. अंग्रेजों में भी उनका खौफ था. अरुण गवली के जीवन की पृष्टभूमि आपराधिक रही है. लेकिन परीक्षा के बहाने ही सही, डॉन अब गांधी विचारधारा से जुड़ गया है. वहीं कहा जा रहा है कि, परीक्षा में पास होना और विचारधारा को प्रत्यक्ष आचरण में लाना दोनों में अंतर है.

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