महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में रिश्वतखोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर (PSI) ने रिश्वत के तौर पर मोबाइल फोन की डिमांड कर दी. हालांकि, शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने महिला पुलिसकर्मी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है.
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के मुताबिक महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर ने एक मामले में आरोपी शख्स की मदद करने के लिए रिश्वत में मोबाइल फोन मांगा था. आरोपी पीएसआई का नाम राजश्री शिंत्रे (33) है. वह मुंबई के पश्चिमी हिस्से में अंबोली पुलिस स्टेशन में तैनात हैं. उन्होंने जोगेश्वरी में दर्ज एक मामले में मदद करने बदले सैमसंग (A-55) मोबाइल फोन की मांग की थी. बाजार में इस समय सैमसंग के इस मोबाइल की कीमत 45 हजार रुपए के करीब है.
मुंबई में केबल बिजनेस से जुड़ा हुआ है पीड़ित
जिस शख्स से रिश्वत मांगने के आरोप में महिला सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है, वह केबल से संबंधित बिजनेस से जुड़ा हुआ है. ACB अधिकारी ने बताया कि पीड़ित ने जब उनके पास शिकायत दर्ज कराई तो उन्होंने शिकायत का सत्यापन किया. इसके बाद उन्होंने एक प्लान बनाया और महिला पुलिसकर्मी को रिश्वत के रूप में फोन लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
सूरत में भी सामने आया था रिश्वतखोरी का केस
इससे मिलता जुलता एक केस गुजरात के सूरत में भी सामने आया था. वहां, एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की यूनिट ने सूरत पुलिस के इकॉनॉमिक क्राइम सेल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सागर प्रधान के भाई को 5 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
सोना गबन के मामले में मांगी गई थी रिश्वत
दरअसल, सूरत गौतम बाघ नामक ज्वैलर के खिलाफ 1.84 करोड़ का सोना गबन किए जाने का मामला मुंबई में मामला दर्ज हुआ था. करोड़ों रुपये की इस धोखाधड़ी मामले के फरार एक आरोपी को सूरत ईको सेल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) सागर प्रधान ने पकड़ कर मुंबई पुलिस को सौंप दिया था. सूरत क्राइम ब्रांच के अधीनस्थ आने वाले ईको सेल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सागर प्रधान ने इस मामले में गिरफ्तार ज्वेलर्स के पार्टनर विपुल भाई को भी फंसाने के लिए डराना-धमकाना शुरू कर दिया था. सागर प्रधान ने विपुल भाई का नाम नहीं खोलने के लिए 15 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी.
ACB से संपर्क कर आरोपी के भाई को पकड़वाया
इस बीच ईको सेल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सागर प्रधान से सब कुछ तय करने के बाद ज्वैलर के पार्टनर विपुल ने सूरत एंटी करप्शन ब्यूरो की यूनिट से संपर्क कर लिया था. उन्होंने सबूत के साथ सूरत एंटी करप्शन ब्यूरो में सूरत क्राइम ब्रांच की ईको सेल के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सागर प्रधान के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी एसीबी को सौंप थी. इसके बाद एसीबी ने सागर के भाई को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था.