scorecardresearch
 

मुंबई अग्निकांड: पुलिस ने दर्ज की FIR, बीजेपी ने कहा- BMC और फायरब्रिगेड का नाम कैसे गायब

बीजेपी के नेता किरीट सौमेया ने कहा कि सनराइज हॉस्पिटल के मामले में पुलिस ने राकेश वाधवन (HDIL) परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसमें बीएमसी और फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के नाम क्यों नहीं शामिल हैं.

Advertisement
X
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भांडुप में मौजूद कोरोना अस्पताल में लगी थी आग
  • मुंबई पुलिस ने मामले में दर्ज की एफआईआर
  • बीजेपी ने उठाए FIR पर सवाल

कोरोना संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ. यहां भांडुप के एक अस्पताल में आग लगने से 10 लोगों की जान चली गयी वहीं कई इस घटना में घायल भी हुए. ऐसे में मुंबई पुलिस ने ड्रीम्स मॉल में आग लगने की घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की है. भांडुप पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 304, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

जानकारी के मुताबिक ड्रीम्स मॉल के निदेशक राकेश वाधवान, सारंग वाधवान, निकिता त्रेहन, दीपक शिर्के और प्रशासन के अन्य लोगों को एफआईआर में नामजद किया गया है. जानकारी के मुताबिक ड्रीम्स मॉल साल 2009 में एचडीआईएल द्वारा बना था. इस मॉल में करीब 1000 छोटी दुकानें, 2 बैंक्वेट हॉल और एक अस्पताल हैं. बता दें कि यहां कोरोना अस्पताल शुरु करने के लिए पिछले साल अस्पताल को कंडीशनल ओसी दिया गया था.

राकेश वाधवा एचडीआईएल के अध्यक्ष हैं. वहीं उनकी बेटी निकिता त्रेहान सनराइज ग्रुप की एमडी हैं जिनका ड्रीम्स मॉल में एक अस्पताल था. बताया जा रहा है कि Covid-19 के दौरान मॉल के तीसरे फ्लोर पर कोरोना अस्पताल बनाने की अनुमति दी गई थी. यह अनुमति 31 मार्च 2021 तक सशर्त दी गई थी

बीजेपी के किरीट सौमेया का आरोप

बीजेपी के किरीट सौमेया ने कहा कि सनराइज हॉस्पिटल में आग के मामले में पुलिस ने राकेश वाधवन (एचडीआईएल) परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसमें बीएमसी और फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के नाम क्यों नहीं शामिल हैं. सौमेया ने कहा कि इन लोगों की लापरवाही की वजह से आज 12 लोगों की मौत हो गयी और 12 लोग अस्पताल में जिंदगी के लिए लड़ रहे हैं. 

Advertisement

दस लोगों की गई है जान, उठे सवाल

मुंबई के जिस अस्पताल में आग लगी, उसमें दस लोगों की मौत हुई है. ये अस्पताल एक मॉल के इलाके में बना हुआ है. इस मॉल में ही करीब एक हजार से अधिक दुकानें मौजूद हैं. इस हादसे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी महाराष्ट्र सरकार पर सवाल खड़े किए थे, बीजेपी के किरीट सौमेया ने कहा था कि अस्पताल को परमिशन नहीं थी, ऐसे में लोगों की जान जाने का जिम्मेदार कौन है. 

जानकारी के मुताबिक जब इस अस्पताल में आग लगी, तब यहां 70 से अधिक कोरोना वायरस के मरीज भर्ती थे. हादसे के बाद उन्हें किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. 


 

Advertisement
Advertisement