मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नेपाल से चरस लाकर मुंबई और आसपास के इलाकों में बेचा करते थे. इस मामले में पुलिस ने एक करोड़ से ज्यादा की कीमत की चरस बरामद की है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि 11 फरवरी को उन्होंने सूरज यादव नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से इन्हें छप्पन लाख रुपये कीमत की चरस बरामद हुई थी, उसी की जांच के दौरान उन्हें एक और व्यक्ति का नाम पता चला जिसे शनिवार की सुबह को कुरार इलाके से हिरासत में ले लिया गया है, उसके पास से 3 किलो से ज्यादा की चरस बरामद हुई. इसका नाम किशन हरिप्रसाद गौड़ उर्फ साठे है.
डीसीपी क्राइम अकबर पठान ने बताया कि कुछ महीने पहले मुजफ्फरपुर पुलिस ने 26 किलोग्राम चरस के साथ कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था जिसकी जांच के दौरान उनका महाराष्ट्र कनेक्शन सामने आया था. जांच में यह भी पता चला कि ये लोग नेपाल के रास्ते से भारत में चरस लाते थे और फिर इसे सड़क मार्ग से भारत के अलग-अलग हिस्सों में पहुचाते थे. इसी कंसाइनमेंट का एक हिस्सा सााठे नाम का आरोपी मुंबई में लाकर बेचने की तैयारी में था.
डीसीपी क्राइम अकबर पठान ने आगे कहा ''साठे को ढूंढने में पुलिस को इसलिए इतना समय लगा क्योंकि उसका नाम तो सामने आता था, पर वो दिखता कैसे था इसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी. वह अपने पेडलर से सिर्फ फोन पर बात करता था, कभी मिलता नहीं था ताकि किसी को भी ये न पता चले कि वो कैसा दिखता है. साठे इतना चालाक है कि उसके खिलाफ आज तक किसी भी पुलिस स्टेशन में कोई भी तरह का मामला दर्ज नहीं हुआ है. पुलिस कभी भी इस तक पहुंच नहीं पाती थी क्योंकि जिन पेडलर्स को गिरफ्तार किया जाता था उन्हें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं होता था.''
नेपाल कनेक्शन के खुलेंगे राज!
क्राइम ब्रांच की मानें तो साठे की गिरफ्तारी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि साठे को पता है कि नेपाल से किस तरह से चरस की कंसाइनमेंट भारत लाई जाती है, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर इन कमाए हुए पैसों का इस्तेमाल किन जगहों पर किया जा रहा है. (रिपोर्ट- शिवशंकर तिवारी)