महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए वसूली के आरोपों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर से पूछताछ को बुलाया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगले हफ्ते के लिए समन भेजा है.
अनिल देशमुख को शनिवार को ईडी के सामने पेश होने के लिए समन भेजा गया था. कहा जा रहा था कि वे सुबह 11 बजे तक ईडी के दफ्तर पहुंच जाएंगे, लेकिन उनके वकील की ओर से जानकारी दी गई कि वह आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे.
अब अनिल देशमुख को अगले सप्ताह मंगलवार तक पेश होने के लिए कहा गया है. इससे पहले, देशमुख के वकीलों ने ईडी के अधिकारियों को एक लेटर सौंपा था. देशमुख के वकील जयवंत पाटिल ने ईडी कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा था कि वह (देशमुख) आज पेश नहीं होंगे. हमें इस मामले से संबंधित दस्तावेज नहीं दिए गए हैं और हमने ईडी को एक लेटर दिया है, जिसमें इन दस्तावेजों और मामले की जानकारी मांग की गई है.
केंद्रीय एजेंसी ने अनिल देशमुख के निजी सचिव 51 वर्षीय संजीव पलांडे और 45 वर्षीय निजी सहायक कुंदन शिंदे को मुंबई और नागपुर में देशमुख के खिलाफ छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. तलाशी के बाद सहयोगियों को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय ले जाया गया था, जिसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया. बाद में एक स्पेशल कोर्ट ने उन्हें एक जुलाई तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह ने कुछ समय पहले वसूली का आरोप लगाया था. सिंह ने सनसनीखेज पत्र लिखकर दावा किया था कि देशमुख ने हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट रखा था. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने जस्टिस चांदीवाल आयोग का गठन किया. वहीं, बाद में अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से हटा दिया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को अनिल देशमुख के आवास पर कई घंटों तक छापेमारी की थी.