महाराष्ट्र में फोन टैपिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राज्य के गृह मंत्रालय ने जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है, जो 6 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इस संबंध में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट कर बताया कि गृह विभाग को पिछली सरकारों की ओर से किए गए फोन टैपिंग की हमें राजनीतिक दलों और कई नेताओं की ओर से ढेरों कई शिकायतें मिली थीं. फोन टैपिंग संविधान में मिले अधिकारों का उल्लंघन करता है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि वरिष्ठ आईएएस अफसर श्रीकांत सिंह और आईपीएस अमितेश कुमार फोन टैपिंग मामले की जांच करेंगे. श्रीकांत सिंह गृह विभाग में एसीएस हैं जबकि अमितेश कुमार राज्य के खुफिया विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस हैं.

पिछले दिनों पिछले साल महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेताओं की फोन टैंपिंग का मामला सामने आया. इस मामले में उद्धव सरकार ने 24 जनवरी को जांच के आदेश दे दिए थे. यह फोन टैंपिंग चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार बनाने की कोशिश के दौरान की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार के अलावा उद्धव ठाकरे और संजय राउत उन नेताओं में से हैं, जिनके फोन टैप किए गए थे. फोन टैंपिंग की खबर सामने आने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मैं बाल ठाकरे का चेला हूं, जो कुछ करता हूं, खुले तौर पर करता हूं.
जांच के आदेश दिएः गृह मंत्री
इस संबंध में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान गैरबीजेपी नेताओं के फोन टैप किए जा रहे थे. हमने इस गंभीर मसले में जांच के आदेश दिए हैं.
इसे भी पढ़ें--- पीएम मोदी पर राउत का निशाना, कहा- भूखा रहकर घुसपैठियों से कैसे लड़ेगी सेना
इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत ने एक वरिष्ठ बीजेपी नेता का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें पहले ही इस बारे में आगाह किया गया था.
इसे भी पढ़ें--- संजय राउत ने लिया उद्धव ठाकरे का इंटरव्यू, पूछा- क्या CM पद के लिए हिंदुत्व को छोड़ा?
इस मसले में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि फोन टैपिंग महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति नहीं है. राज्य सरकार ने कभी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था, जिन्होंने शिकायत की कि सभी जानते हैं कि वे कितने भरोसेमंद हैं.