मुंबई में ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में आरोपी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे को बहाल कर दिया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने आजतक से वाजे की बहाली की पुष्टि की. अधिकारी के मुताबिक वाजे को नयागांव लोकल आर्म्स डिविजन में तैनाती दी गई है.
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सचिन वाजे की बहाली के संबंध में बताया जा रहा है कि हाल ही में एक समिति ने इसका रास्ता साफ किया. वाजे को पुलिस हिरासत में हुई ख्वाजा यूनुस की मौत के मामले में साल 2004 में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद वे सस्पेंड कर दिए गए थे. वाजे पर यूनुस की हिरासत में मौत से जुड़े तथ्य छिपाने का आरोप था. इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट भी दायर की थी, जिसमें वाजे को आरोपी बनाया गया था.
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मुंबई पुलिस के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) में पूर्व इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा, रिटायर्ड एसीपी प्रफुल्ल भोसले, पुलिस इंस्पेक्टर दयानंद नायक जैसे तेजतर्रार अधिकारियों के साथ एनकाउंटर स्क्वॉड का हिस्सा रहे वाजे ने साल 2008 में पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.
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सूत्रों की मानें तो वाजे का इस्तीफा 12 साल गुजर जाने पर भी अब तक स्वीकार नहीं किया गया था. साल 1990 बैच के पुलिस अधिकारी वाजे अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 63 मुठभेड़ का हिस्सा रहे, जिसमें अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई नामचीन बदमाश मारे गए. वाजे को उनके तकनीकी ज्ञान के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने डेविड कोलमैन हेडली पर आधारित पुस्तक स्काउट और शीना बोरा हत्याकांड को लेकर भी एक पुस्तक लिखी है.
क्यों हुए थे निलंबित?
घाटकोपर इलाके में बम विस्फोट की घटना हुई थी. बस में बम विस्फोट के साल 2002 के इस मामले में पुलिस ने पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर ख्वाजा यूनुस को गिरफ्तार किया था. साल 2003 में यूनुस की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इसी मामले में पुलिस ने वाजे को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद वाजे को निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद साल 2008 में वाजे पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर एक राजनीतिक पार्टी में शामिल हो गए थे.