महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों के मिड-डे मील में अंडे और चीनी देने की योजना बंद करने का ऐलान किया. यह योजना नवंबर 2023 में शुरू हुई थी, लेकिन अब सरकार ने प्रत्येक छात्र को अंडे के लिए दिए जाने वाले 5 रुपये की राशि रोक दी है. सरकार का कहना है कि अगर स्कूल प्रबंधन समितियां चाहें, तो वो सार्वजनिक दान से अंडों की व्यवस्था कर सकती हैं.
इस फैसले का विरोध करते हुए एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और सरकार से जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर हफ्ते 24 लाख बच्चों को अंडे देती थी, लेकिन अब यह योजना सिर्फ महाराष्ट्र और गुजरात में ही क्यों बंद की गई? उन्होंने इसे बच्चों के पोषण पर हमला करार दिया.
मिड-डे मील में अंडे और चीनी देने पर रोक
एनसीपी महिला कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि सरकार अपने फैसले को वापस लें. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान ‘लाड़ली बहन योजना’ का प्रचार कर सरकार ने वोट तो बटोर लिए, लेकिन अब उन्हीं बहनों के बच्चों को पोषण से वंचित किया जा रहा है.
एनसीपी महिला कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
बता दें, नवंबर 2023 में राज्य सरकार ने बच्चों में प्रोटीन की कमी को देखते हुए मिड डे मील में हर हफ्ते एक अंडा देने का फैसला किया था। जिन बच्चों को अंडा नहीं चाहिए था, उन्हें फल दिए जाने का विकल्प था.
इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है, जबकि सरकार अब तक अपने फैसले पर कायम है. यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद क्या मोड़ लेता है.
(रिपोर्ट- विक्रांत चौहान)