बंबई हाईकोर्ट ने 1998 में दायर मानहानि मामले से दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को बरी करने के खिलाफ दायर समाजवादी पार्टी नेता अबु आसिम आजमी की अपील खारिज कर दी है.
कल जब मामला पेश किया गया तो आजमी पेश नहीं हुए जिसके बाद न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने अपील खारिज कर दी. पहले भी कई बार, आजमी पेश नहीं हुए थे. अदालत ने कहा कि शायद अपीलकर्ता को मामला आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं है क्योंकि ठाकरे का निधन हो चुका है और इससे कोई मकसद पूरा नहीं होगा.
शिवसेना मुखपत्र सामना ने 1 जुलाई 1998 को एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि सपा नेता 1993 बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं और उन्होंने धन बल से सुप्रीम कोर्ट से जमानत हासिल कर ली है. इस पर आजमी ने सामना के तत्कालीन संपादक ठाकरे, कार्यकारी संपादक संजय राउत और मुद्रक सुभाष देसाई के खिलाफ मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि का मामला दायर किया था.