जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद, महाराष्ट्र सरकार में राजनीतिक श्रेय लेने की जंग शुरू हो गई है. महायुति गठबंधन के हर घटक दल फंसे हुए पर्यटकों और पीड़ितों के परिजनों के लिए राहत और बचाव कार्य के लिए स्वतंत्र रूप से काम करने लगे हैं.
सूबे के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक में हिस्सा नहीं लिया और अपने शहरी विकास विभाग की बैठकों को रद्द कर दिया. उन्होंने ठाणे में ही रहने का फैसला किया और शाम को शिंदे एक मराठी समाचार चैनल के कार्यक्रम में चले गए.
पर्यटकों को वापस लाने कश्मीर गए एकनाथ शिंदे
दरअसल, एकनाथ शिंदे फंसे हुए पर्यटकों को वापस लाने के लिए बचाव कार्य का नेतृत्व करने के लिए एक निजी चार्टर्ड विमान से कश्मीर के लिए रवाना हुए. उनके कार्यालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में एकनाथ शिंदे सबसे पहले मदद के लिए पहुंचते हैं.
यह सब मंगलवार रात को शुरू हुआ, जब एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया कि उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के साथ चर्चा की है और कश्मीर से पर्यटकों को महाराष्ट्र लाने के लिए एक स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था की जाएगी.
बीजेपी सांसद का ऐलान
बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री और पुणे से बीजेपी सांसद मुरलीधर मोहोल ने ऐलान किया कि सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा के बाद महाराष्ट्र के पर्यटकों के राहत और बचाव कार्य के लिए एक विशेष विमान कश्मीर भेजा जाएगा.
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सीएम फडणवीस ने मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बीजेपी मंत्रियों को मृतकों को उनके रिश्तेदारों के साथ घर वापस लाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के साथ समन्वय करने के लिए अलग-अलग काम सौंपे.
बीजेपी नेता और मंत्री गिरीश महाजन को विशेष विमान से कश्मीर रवाना होने के लिए तैनात किया गया. जबकि मंत्री आशीष शेलार और मंगलप्रभात लोढ़ा को पनवेल और डोंबिवली से मृतकों के शवों को लेकर विमान के मुंबई पहुंचने पर मुंबई एयरपोर्ट पर मौजूद रहने को कहा गया है.
इस बीच, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि सांसद श्रीकांत शिंदे के निजी सहायक अभिजीत दारकेकर के नेतृत्व में एक टीम मंगलवार रात को ही श्रीनगर पहुंच गई थी और उसने महाराष्ट्र के पर्यटकों के लिए राहत कार्य शुरू कर दिया था.
शिंदे ने अपनी पार्टी के नेता एवं सांसद श्रीकांत शिंदे, मंत्री गुलाबराव पाटिल, गृह राज्य मंत्री (शहरी) योगेश कदम को मुंबई एयरपोर्ट पर और मंत्री प्रकाश अबितकर को पुणे एयरपोर्ट पर मौजूद रहने का निर्देश दिया.
इसके अलावा शिंदे ने अपने करीबी सहयोगी और स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे को दिलीप देसले के अंतिम संस्कार के दौरान पनवेल जाने को कहा.
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अजित पवार भी एक्शन में दिखे
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की है और महाराष्ट्र से पर्यटकों को निकालने के लिए अतिरिक्त फ्लाइट्स उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
हालांकि, राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (मंत्रालय नियंत्रण कक्ष) में महाराष्ट्र के प्रभावित नागरिकों की सहायता के लिए दो अधिकारियों की नियुक्ति की गई है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के प्रबंधक विशेषर सूर्यवंशी और मंत्रालय नियंत्रण कक्ष में नियंत्रण कक्ष अधिकारी नितिन मसाले को नियुक्त किया गया है. घटना को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के संचालक सरिशकुमार खड़के ने सहायता चाहने वाले नागरिकों या उनके रिश्तेदारों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
फडणवीस ने किया मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही पहलगाम हमले के दौरान अपने प्रियजनों को खोने वाले 6 परिवारों को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया. घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. इसके अलावा, राज्य सरकार के खर्च पर कश्मीर में महाराष्ट्र के पर्यटकों को वापस लाने के लिए विशेष उड़ान की व्यवस्था की गई.
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विपक्ष ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने समन्वय की कमी के लिए सरकार पर निशाना साधा. वडेट्टीवार ने कहा कि मंत्रियों की एक तत्काल बैठक बुलाई जानी चाहिए थी और सरकार को कार्रवाई की रूपरेखा बतानी चाहिए थी. इसके बजाय, सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी संकट के समय में सुर्खियां बटोरने के लिए आपस में भिड़ रहे हैं. वडेट्टीवार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.
वहीं, एनसीपी शरद पवार खेमे के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि किसी भी तरह की सहायता का स्वागत है, लेकिन स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाने की कीमत पर नहीं.