देश में कोरोना वायरस का महासंकट चल रहा है और इससे सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र है. लेकिन महाराष्ट्र में ही एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है. यहां उद्धव सरकार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है. वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.
उद्धव-पवार मिले, क्या हुई टेंशन दूर?
बीते कुछ दिनों से लगातार महाराष्ट्र में सियासी उठापटक हो रही है. इस बीच बीते दिनों उद्धव ठाकरे और शरद पवार की मुलाकात हुई है, जिसमें दोनों नेताओं ने मौजूदा हाल को समझा.
सूत्रों की मानें, तो कुछ विधायकों का कहना है कि भाजपा की ओर से उन्हें संपर्क किया गया है. ऐसे में उद्धव सरकार पर खतरा मंडराने लगा था, एनसीपी-कांग्रेस के कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. इसी बीच पहले शरद पवार, संजय राउत की मुलाकात हुई और फिर शरद पवार-उद्धव ठाकरे मिले.
पवार-उद्धव ने की मुलाकात, संजय राउत बोले- सरकार मजबूत, विरोधी हो जाएं क्वारनटीन
संजय राउत का पलटवार
इधर हलचल मचना शुरू हुई, तो संजय राउत ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया. शिवसेना सांसद ने लिखा कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह मजबूत है और जो लोग इसे अस्थिर करना चाहते हैं उनके पेट में दर्द है. संजय राउत ने वार किया कि विपक्ष को क्वारनटीन हो जाना चाहिए.
करोनावर लस आणि ठाकरे सरकार पाडण्याचा डोस विरोधकांना सापडायचा आहे. संशोधन जारी है.
विरोधकांनी तात्काळ quarantine व्हावे हेच बरे..
महाराष्ट्र अस्थिर करण्याचे प्रयत्न अंगलट येतील .
Boomerang...
जय महाराष्ट्र
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 26, 2020
भाजपा भी हुई एक्टिव
एक तरफ सत्ताधारी पक्ष में हलचल मची तो बीजेपी भी एक्टिव हो गई. अब आज शाम को देवेंद्र फडणवीस मीडिया से मुखातिब होंगे, इस दौरान वह बीजेपी पर लगातार लग रहे आरोपों का जवाब दे सकते हैं. बता दें कि बीते दिनों बीजेपी की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया था और उद्धव सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग की गई थी.
ट्रेनों पर पीयूष गोयल-संजय राउत में ट्विटर वॉर जारी, शिवसेना सांसद का वार - भूलें ना कि...
दूसरी ओर बीजेपी की ओर से नारायण राणे ने कोरोना संकट के बीच मची राजनीतिक हलचल को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. हालांकि, संजय राउत ने भी पलटवार किया है कि महाराष्ट्र से ज्यादा खराब स्थिति गुजरात की है, पहले वहां ऐसा होना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले हाल ही में राज्य में जब एमएलसी का चुनाव हुआ तो उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट आया था, इस बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी और राज्य की स्थिति बताई थी. जिसके बाद उद्धव का एमएलसी चुना जाना तय हुआ.