महाराष्ट्र में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एकनाथ शिंदे सरकार ने सरकारी संकल्प जारी किया है. शनिवार को जारी किए गए इस संकल्प के मुताबिक, अब सरकारी कर्मचारियों को फोन पर 'हैलो' की बजाय 'वंदेमातरम' बोलना होगा. यह नियम गांधी जयंती यानी आज से लागू होगा.
महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को जारी किए एक सरकारी संकल्प (जीआर) में कहा कि सरकारी और सरकारी वित्त पोषित संस्थानों में काम करने वाले सभी कर्मचारी फोन कॉल लेते समय 'हैलो' की बजाय 'वंदे मातरम' का उपयोग करेंगे. महाराष्ट्र के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी सरकारी संकल्प में कहा गया है कि अधिकारी उनसे मिलने आने वाले लोगों में भी वंदे मातरम का अभिवादन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता पैदा करें. इस आदेश की कॉपी सभी विभागों में भेज दी गई हैं.
AIMIM नेता ने उठाए सवाल
इस आदेश के बाद AIMIM नेता वारिस पठान ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब सिर्फ बेरोजगारी, महंगाई से ध्यान भटकाने का नाटक है. वारिस पठान ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि इनसे अगर कोई बेरोजगारी महंगाई पर बात करे तो ये चीते से भी तेज भाग जाएंगे. पठान ने सवाल पूछा कि मान लो किसी ने वंदेमातरम नहीं बोला तो ये क्या करेंगे, उस पर केस करेंगे या फांसी दे देंगे. ये भी बीजेपी को बताना होगा.
सुधीर मुंगतीवार ने पहले ही दिया था बयान
महाराष्ट्र के सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को कॉल आने पर अब अनिवार्य रूप से नमस्ते के बजाय 'वंदे मातरम' कहना होगा. महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुंगतीवार ने पहले ही कहा था कि हम आजादी के 76वें साल में प्रवेश कर रहे हैं. हम अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता का) मना रहे हैं. इसलिए मैं चाहता हूं कि अधिकारी नमस्ते के बजाय फोन पर 'वंदे मातरम' कहें.