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कहीं फिर ना लग जाए राष्ट्रपति शासन, इसलिए राज्यपाल को दी समर्थन की चिट्ठी: NCP

एनसीपी का कहना है कि उन्होंने समर्थन पत्र इसलिए सौंपा है, कहीं फ्लोर टेस्ट हारने के बाद राष्ट्रपति शासन ना लागू कर दिया जाए.

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विपक्षी दलों ने सौंपा समर्थन का पत्र
विपक्षी दलों ने सौंपा समर्थन का पत्र

  • महाराष्ट्र में विपक्षी नेताओं की राज्यपाल से मुलाकात
  • कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना ने राज्यपाल को सौंपा खत
  • सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा महाराष्ट्र पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के दंगल को लेकर मंगलवार को फैसला आना है. अदालत की सुनवाई से इतर महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने राज्यपाल को 160 से अधिक विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है. एनसीपी का कहना है कि उन्होंने समर्थन पत्र इसलिए सौंपा है, ताकि फ्लोर टेस्ट हारने के बाद राष्ट्रपति शासन ना लागू कर दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, ‘सत्ता स्थापना को लेकर जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी गई, उसपर कल फैसला होगा. उसके बाद हम अपनी रणनीति तय करेंगे, 165 का आंकड़ा हमारे पास है.’

नवाब मलिक ने कहा, ‘हमने राज्यपाल को तीनों दलों के समर्थन की चिट्ठी दे दी है, हमें इसका डर है कि सत्ताधारी दल फ्लोर पर हारने के बाद कहीं फिर से राष्ट्रपति शासन ना लगा दें इसलिए चिट्ठी दे दी है ताकि हमें सरकार बनाने का न्योता मिले.’

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पढ़ें: SC में खुलासा- 30 नवंबर नहीं, 7 दिसंबर तक साबित करना है फडणवीस को बहुमत

किसके पास कितने नंबर?

बता दें कि एक ओर तीनों दलों ने राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंप दिया है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी समर्थन पत्र को सौंपा गया है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, SC को हमने 154 विधायकों के शपथपत्र दिखाए. बहुमत परीक्षण से सच सामने आ जाएगा, हमारे गठबंधन को विश्वास है कि महाराष्ट्र में जनमत की जीत होगी. भाजपा-अजित पवार की ओर से संवैधानिक संस्थाओं को धूमिल किया गया है.

आपको बता दें कि कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना से इतर भारतीय जनता पार्टी भी लगातार बहुमत होने का दावा किया गया है. भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि उनके पास 160 से अधिक नेताओं का समर्थन है. जिसमें 105 बीजेपी, 54 एनसीपी और 11 निर्दलीय विधायक हैं.

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