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महाराष्ट्र का विदर्भ बना कोरोना का सेंटर, बड़े खतरे को लेकर एक्सपर्ट ने चेताया

महाराष्ट्र में कोरोना का सेंटर विदर्भ बनता जा रहा है. विदर्भ से संक्रमण धीरे-धीरे पुणे और मुंबई जैसे अन्य स्थानों में फैल रहा है, अगर इसे नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह देश के अन्य हिस्सों में फैल सकता है.

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कोरोना टेस्ट कराता पुलिसकर्मी (फोटो-PTI)
कोरोना टेस्ट कराता पुलिसकर्मी (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई, पुणे समेत कई इलाकों मेें बढ़ रहे हैं केस
  • हेल्थ एक्सपर्ट ने केंद्र सरकार को किया अलर्ट

महाराष्ट्र में कोरोना का सेंटर विदर्भ बनता जा रहा है. यह दावा कोरोना पर महाराष्ट्र सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने किया. उन्होंने कहा कि विदर्भ से संक्रमण धीरे-धीरे पुणे और मुंबई जैसे अन्य स्थानों में फैल रहा है, अगर इसे नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह देश के अन्य हिस्सों में फैल सकता है.

गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे के अंदर महाराष्ट्र में करीब 8 हजार नए मामले सामने आए हैं. पिछले चार महीनों में एक दिन में सबसे अधिक केस सामने आने का यह रिकॉर्ड है, यानी चार महीने पहले एक दिन में 8 हजार से अधिक मामले सामने आए थे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक कोरोना के 21,21,119 मामले सामने आ चुके हैं.

अधिकारियों ने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि क्या यह दूसरी लहर है, लेकिन विदर्भ जैसे नागपुर, अमरावती से लेकर औरंगाबाद (मराठवाड़ा क्षेत्र) कोरोना का सेंटर है, अगर हम इसे नियंत्रित नहीं करते हैं, तो यह देश के अन्य राज्यों में फैल जाएगा, चाहे वह 100 प्रतिशत फैल जाए, कोई भी निश्चित नहीं है, लेकिन हां, इसकी क्षमता अधिक है.

अधिकारियों की माने तो विदर्भ के कुछ जिलों में कोरोना के पैर पसारने की पीछे तीन वजह हैं- पहला वायरस की संरचना, उत्परिवर्तन और संचरण की क्षमता है, दूसरा संक्रमित व्यक्ति जो वायरस को दूसरों तक संचारित करता है, और तीसरा पर्यावरण, मौसम, आवास संरचना और प्रदूषण.

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डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा कि किसी भी वायरस का ग्राफ चढ़ता उतरता है, ठीक कोरोना के साथ ही ऐसा हो रहा है, हालांकि आईसीएमआर की ओर से अभी साफ नहीं किया गया है कि ये कोई नया म्यूटेंट है या नहीं. फिलहाल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल नई दिल्ली को विदर्भ के आठ जिलों से नमूने भेजे गए हैं.

अधिकारियों ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए किसी नई रणनीति की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मौजूदा रणनीतियां काफी पर्याप्त और प्रभावी हैं, लॉकडाउन अंतिम उपाय है, संपर्क-ट्रेसिंग और टेस्ट में वृद्धि और सक्रिय मामलों को क्वारनटीन करना कुछ प्रमुख कदम हैं, जो वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं.

 

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