महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में राज्य बीजेपी अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ सकी हैं. कारण, राज्य के लोकायुक्त ने हाल ही में श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान को नागपुर में 5 हेक्टेयर भूमि के आवंटन के खिलाफ दर्ज शिकायत का संज्ञान लिया है. लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता किशन चौधरी को जानकारी दी है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट श्री महालक्ष्मी जगदंबा को नागपुर में 5 हेक्टेयर भूमि के आवंटन के खिलाफ उनकी शिकायत पर संज्ञान लिया है. लोकायुक्त ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और नागपुर के कलेक्टर को 3 जनवरी, 2025 तक भूमि आवंटन के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.
जानकारी के मुताबिक ट्रस्ट द्वारा पिछले साल नवंबर में भूमि के 'प्रत्यक्ष आवंटन' के लिए दायर आवेदन के अनुसरण में यह भूमि नर्सिंग कॉलेज, जूनियर कॉलेज, विज्ञान-कला-वाणिज्य कॉलेज और कौशल विकास केंद्रों के निर्माण के लिए आवंटित की गई है. लोकायुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) विद्यासागर कनाडे के कार्यालय ने 7 नवंबर, 2024 को एक पत्र के माध्यम से शिकायतकर्ता किसान चौधरी को शिकायत का संज्ञान लेने के संबंध में जानकारी दी.
न्यायमूर्ति कनाडे द्वारा रिपोर्ट तलब करने का आदेश 24 अक्टूबर को पारित किया गया था.
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट्स के मुताबिक पेशे से वकील किशन चौधरी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें एक प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के माध्यम से बावनकुले की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट को भूमि के आवंटन के बारे में पता चला, जिसमें कहा गया था कि नागपुर के कोराडी क्षेत्र में भूमि का टुकड़ा राज्य के वित्त और राजस्व विभागों की आपत्तियों के बावजूद ट्रस्ट को सौंप दिया गया था.
शिकायतकर्ता ने समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि बावनकुले के ट्रस्ट को भूमि का टुकड़ा आवंटित करने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अचानक रखा गया, जबकि यह दिन के एजेंडे में नहीं था. शिकायत में कहा गया है, "वित्त विभाग के अनुसार, ट्रस्ट न तो कोई प्रतिष्ठित संस्थान है, न ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इसका लंबा अनुभव है, इसलिए यह आवंटन के योग्य नहीं है. विभिन्न सरकारी विभागों और अधिकारियों की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान को भूमि आवंटित कर दी गई."
शिकायतकर्ता ने आगे तर्क दिया कि संबंधित भूमि को जनता से आवेदन आमंत्रित करके सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से सबसे कुशल संस्थानों को बेचा जा सकता था और सरकार को नीलामी के माध्यम से अधिक धन मिलता. शिकायत में कहा गया है, "हालांकि, नियमों का उल्लंघन किया गया और भूमि मौजूदा विधायक बावनकुले की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट को आवंटित कर दी गई." शिकायत में आगे कहा गया है कि सरकार ने अभी तक उक्त निर्णय को अपनी आधिकारिक साइट पर प्रकाशित या अपलोड नहीं किया है.