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महाराष्ट्र: बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल नहीं रखा तो काटी जा रही 30 फीसदी सैलरी, 6 शिक्षकों पर गिरी गाज

खास बात यह है कि 12 में से जिन 6 कर्मचारियों के खिलाफ अपने बुजुर्ग माता-पिता की उपेक्षा की शिकायतें मिली थीं वे सभी शिक्षक हैं. लातूर जिला परिषद के इन कर्मचारियों की सैलरी में की गई कटौती राशि को उनके माता-पिता के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया जाता है.

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माता-पिता का ख्याल नहीं रखने पर काटी जा रही सैलरी (सांकेतिक-पीटीआई)
माता-पिता का ख्याल नहीं रखने पर काटी जा रही सैलरी (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लातूर जिला परिषद में 7 में से 6 आरोपी हैं शिक्षक
  • माता-पिता के खाते में भेजी जा रही काटी हुई सैलरी
  • पिछले साल नवंबर में वेतन कटौती का प्रस्ताव पास हुआ था

महाराष्ट्र के लातूर जिला परिषद (LZP) ने अपने सात कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती शुरू कर दी है. परिषद के अध्यक्ष राहुल बोंद्रे ने आज शनिवार को बताया कि 7 कर्मचारियों के वेतन में यह कटौती इसलिए की जा रही है क्योंकि वे अपने बुजुर्ग माता-पिता की उचित तरीके से देखभाल नहीं कर रहे हैं.

राहुल बोंद्रे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि खास बात यह है कि 12 में से जिन छह कर्मचारियों के खिलाफ अपने बुजुर्ग माता-पिता की उपेक्षा की शिकायतें मिली थीं वे सभी शिक्षक हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन कर्मचारियों की सैलरी में की गई कटौती राशि को उनके माता-पिता के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया है.

लातूर जिला परिषद की जनरल बॉडी ने पिछले साल नवंबर में अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले सभी कर्मचारियों के 30 फीसदी वेतन में कटौती का प्रस्ताव पारित किया था. राहुल बोंद्रे ने कहा कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के मासिक वेतन में कटौती पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई.

उन्होंने कहा, 'हम 12 ऐसी शिकायतों की जांच कर रहे थे, जिनमें कर्मचारियों के माता-पिता ने दावा किया कि उनकी उपेक्षा की जा रही थी. इन 12 में से, हमने दिसंबर से सात कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी शुरू कर दी है. उन्होंने यह भी कहा कि 30 फीसदी कटौती हर महीने जारी रहेगी.

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उन्होंने कहा कि इस तरह के एक मामले में औसत कटौती करीब 15,000 रुपये थी. बोंद्र ने कहा, 'कुछ मामलों को कर्मचारियों और उनके माता-पिता के बीच उस समय पारस्परिक रूप से हल कर लिया गया जब हमने उन्हें नोटिस भेजे थे.

 

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