महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर मज़ाक के बाद विवादों में घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनका बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दर्ज किया जाए. कॉमेडियन ने यह अनुरोध तब किया जब खार पुलिस स्टेशन ने उन्हें तीन समन जारी किए, जिसमें उन्हें विवादास्पद बयान के बारे में पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया.
बता दें कि कुणाल कामरा को 2 अप्रैल को तीसरा समन जारी किया गया, जिसमें उन्हें 5 अप्रैल को पूछताछ के लिए पुलिस के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया. हालांकि कुणाल कामरा इन समन का पालन करने में असफल रहे, लिहाजा उन्होंने अपना बयान देने के लिए वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग विकल्प का अनुरोध किया. खार पुलिस ने अभी तक कुणाल कामरा की नई अपील का जवाब नहीं दिया है.
4 अप्रैल को खार पुलिस की एक टीम कुणाल कामरा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करने के लिए पांडिचेरी पहुंची. कुणाल कामरा तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं. इस बीच मद्रास उच्च न्यायालय से मामले में 7 अप्रैल तक के लिए कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई है. यह जमानत उन्हें उस राज्य में दी गई है जहां एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, जो गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा देती है.
24 मार्च को खार पुलिस ने शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज किया. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शिंदे को ‘गद्दार’ कहकर अपमानित किया था.
सूत्रों ने बताया कि कुणाल कामरा ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वह जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन वर्तमान में वह मुंबई में नहीं हैं. उन्होंने पुलिस से यह भी कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए 'माफी नहीं मांगेंगे.
बाद में एक बयान में कुणाल कामरा ने जोर देकर कहा कि नेताओं का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है. उनके बयान के एक हिस्से में लिखा कि किसी प्रभावशाली नेता पर मजाक करना कानून के खिलाफ नहीं है. अगर किसी मजाक से किसी की भावना आहत होती है, तो इसका मतलब ये नहीं कि मेरा अभिव्यक्ति का अधिकार खत्म हो जाता है.