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मुस्लिमों के 'हमदर्द' बने पवार, कहा- 'जुम्मे के दिन मस्जिद में बम नहीं फोड़ सकता कोई मुस्लिम'

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मिशन 2014 यानी कि लोकसभा चुनाव के लिए नया पासा फेंक दिया है. पवार ने एक ओर इशरत जहां को बेकसूर ठहराया तो वहीं ये तक कह डाला कि अगर ऐसे पीड़ित परिवार का कोई सदस्य कुछ गैरकानूनी हरकत करता है, तो इसमें गलत क्या है.

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शरद पवार
शरद पवार

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मिशन 2014 यानी कि लोकसभा चुनाव के लिए नया पासा फेंक दिया है. पवार ने एक ओर इशरत जहां को बेकसूर ठहराया तो वहीं ये तक कह डाला कि अगर ऐसे पीड़ित परिवार का कोई सदस्य कुछ गैरकानूनी हरकत करता है, तो इसमें गलत क्या है.

पवार ने अपने भाषण में जिन बातों का जिक्र किया, उनमें से कई मुद्दे चौंकाने वाले भी थे. उन्होंने कहा, 'अगर बेगुनाह मुस्लिमों को किसी भी आतंकी गतिविधियों से जोड़कर गिरफ्तार किया जाता है, तो उसका पूरा परिवार तबाह होता है. ऐसे में परिवार का कोई सदस्य गुस्से में गैरकानूनी हरकत करता है तो उसमें कुछ गलत नहीं होगा.' उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि किसी बेगुनाह मुस्लिम पर अन्याय होता है तो एनसीपी उनके पीछे खड़ी रहेगी.

मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए पवार की नई 'चाल'

पवार के मुताबिक, 'आरआर पाटिल थे उस सभा को, उनसे सार्वजनिक सभा में मैंने कहा था, सबके सामने कहा था के मेरा जमीर इसकी इजाजत नहीं देता, मैं ये कतई यकीन नहीं कर सकता कि मुस्लिम समाज का नौजवान जुम्मे के दिन मस्जिद में बम फोड़े, मुस्लिम समाज का नौजवान बाकि कुछ भी कर सकता है, लेकिन ये नहीं कर सकता. मुझे इसपर विश्वास नहीं, आपकी तफ्तीश गलत दिशा में जा रही है. आपको ये बदलनी होगी, ये जातिवाद और सांप्रदायिक ताकतें इस समाज को बदनाम करने की साजिश हैं. आप और भी बारीकी से इसकी तफ्तीश करिए. हेमंत करकरे आए और मेरे साथ बैठे और मैंने उन्हें बताया कि मुझे इस पर क्यों भरोसा नहीं, और 15 दिनों में करकरे मेरे पास आए और कहा कि आपका जो कहना है वो सही हो रहा है. मालेगांव धमाकों के पीछे इंदौर की कोई साध्वी, उसे मदद करने वाला एक फौजी अधिकारी और बाकी लोग हैं.'

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गौरतलब है कि 8 सितंबर, 2006 को मालेगांव में हुआ ब्लास्ट शुक्रवार की रात हुआ था. ब्लास्ट मस्जिद के पास किया गया था, इसमें 37 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 125 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

पवार ने इशरत जहां को बताया 'बेकसूर'

इशरत जहां मामले का जिक्र करते हुए शरद पवार ने अपने भाषण में कहा, 'इशरत की क्या गलती थी. ठीक है, कि वो किसी के प्यार में थी, अहमदाबाद गई थी वो. जानकारी अब ऐसी आ रही है कि उन तीनों को एक दिन पहले गिरफ्तार किया था, और दूसरे दिन उन तीनों को सड़क पर लाकर गोलियों से भून दिया गया. हमने-आपने शायद उनकी फोटो अखबार में देखी भी होंगी. तीनों का शव सड़क पर... क्या है ये! कॉलेज में पढ़ने वाली एक निर्दोष लड़की आतंकवदी हो गई. अब उस मामले की तफ्तीश करने वाले अधिकारियों को जेल जाना पड़ रहा है. कोर्ट ने इस मामले को मॉनिटर किया तभी असलियत बाहर आने लगी, लेकिन उसका परिवार बर्बाद हो गया होगा. उस परिवार की इकलौती कमाने वाली लड़की गोलियों से भून दी गई. वो सारा परिवार तबाह हो गया. और इस प्रकार का अन्याय अगर किसी परिवार के लड़के-लडकियों पर हुआ तो उनका गुस्सा अगर उस परिवार के दूसरे बच्चे के दिमाग में रहा तो उस बच्चे को हम जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. जब तक नजरिया नहीं बदलेगा ऐसी घटनाएं होती रहेंगी.  समाज के छोटे तबके और परिवार जिन पर अन्याय और अत्याचार हो रहा है, उनके सुख-दुख में उनके साथ एनसीपी खड़ी है, उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए. ये संदेश हमें समाज में पहुंचाने का काम करना है.'

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आरक्षण राजनीति का भी फेंका 'पासा'

आरक्षण मुद्दे पर शरद पवार ने कहा, 'आर्थिक रूप से पिछड़े मराठा, ब्राह्मण या मुस्लिम समाज के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए.' पिछले लोकसभा चुनाव के समय महाराष्ट्र के सबसे ताकतवर दलित नेता रामदास आठवले एनसीपी के साथ थे, इस बार रामदास आठवले शिवसेना का दामन थाम चुके हैं. शायद इसी के कारण वोट बैंक को बैलंस करने के लिए पवार इस बार मायावती की तरह ही मराठा, ब्राह्मण और मुस्लिम आरक्षण की राजनीति खेलकर चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं.

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