महाराष्ट्र में '100 करोड़ की वसूली' मामले में सियासी संग्राम के बीच उद्धव सरकार की एक और मुसीबत बढ़ सकती है. दरअसल, सीनियर आईपीएस अधिकारी संजय पांडे आज या कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सकते हैं.
सीनियर आईपीएस अधिकारी संजय पांडे ने कहा कि मैं आज या फिर कल याचिका दायर करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं याचिका के जरिए मांग करूंगा कि कोर्ट, सरकार को महाराष्ट्र में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर मेरी नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया जाए. उन्होंने याचिका में अपनी वरिष्ठता का मुद्दा उठाया है.
सीनियर आईपीएस अधिकारी संजय पांडे ने दावा किया कि कुछ अधिकारियों को बढ़ावा देने के लिए नियुक्तियां 'मनमानी' तरीके से की गई. आपको बता दें कि पूर्व DGP सुबोध जायसवाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे और उन्हें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का प्रमुख नियुक्त किया गया था.
संजय पांडे के बाद राज्य के दूसरे सबसे वरिष्ठ IPS अधिकारी हेमंत नागराले को DGP का अतिरिक्त प्रभार दिया गया, लेकिन मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ट्रांसफर के बाद नागरेल ने उनकी जगह ले ली. राज्य सरकार ने चौथे वरिष्ठतम अधिकारी रजनीश सेठ को कार्यकारी डीजीपी नियुक्त किया है.
संजय पांडे, जिन्हें महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम रैंक के महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था, ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि स्थानांतरण के दौरान उनके साथ अन्याय हुआ था. उन्होंने लिखा कि अगर सरकार उन्हें "अक्षम अधिकारी" मानती तो वह समझ जाते.
'100 करोड़ वसूली' की सीबीआई जांच की मांग
इस बीच एडवोकेट जयश्री पाटिल ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है, जिसमें मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर के इशारे पर 100 करोड़ रुपये प्रति माह की वसूली के दावे की सीबीआई जांच की मांग की है.