'छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर अजमल कसाब ने मेरी बीवी और बेटे को मार डाला, और तबसे मैं हर आतंकी और समाज विरोधी तत्वों की फिराक में रहता हूं.'
मुंबई क्राइम ब्रांच के हाथों पकड़े जाने के बाद खुद के बचाव में फर्जी कॉल करने वाले ने ये कहानी बुनी, ताकि वह पुलिस की सहानुभूति बटोर सकें.
भयंदर के उत्तान में रहने वाले 40 वर्षीय महेश अंकुश लबढ़े ने 10 जुलाई को थाणे के कंट्रोल रूम में सैकड़ों बार फोन करके दावा किया था कि चार आदमी इस शहर को दहलाने की साजिश रच रहे हैं.
उसने सैकड़ों बार थाणे कंट्रोल रूम में फोन किया और कहा कि चार आतंकी लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स और प्रभा देवी सेंचुरी बाजार में स्वतंत्रता दिवस से पहले धमाके की योजना बना रहे हैं. क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर संजय सतरदेकर ने मुताबिक, 'उसने दावा किया कि वह आतंकियों का पता जानता है.'
इस सूचना के बाद तो क्राइम ब्रांच की नींद ही उड़ गई. अधिकारी सक्रिय हो गए और यह निर्णय किया कि कॉल करने वाले को बुलाकर पूछताछ की जाए. पुलिस ने पाया कि फोन लबढ़े के फोन से किया जा रहा था, शनिवार को पुलिस ने कॉल करने वाले को उसी के घर के पास से गिरफ्तार कर लिया.
इस बारे में जब लबढ़े से पूछताछ की गई, तो उसने पुलिस को कसाब वाली कहानी सुनाकर कुछ समय के लिए उनकी सहानुभूति पाने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने जल्द ही उसके सच से पर्दा उठा दिया.
पुलिस को पता चला कि लबढ़े की दो बीवियां है और कुछ बच्चे भी है. इनमें से सभी जिंदा है और सकुशल है. इनमें से एक बीवी उसी के साथ शहर में रहती है, जबकि दूसरी गांव में रहती है.
क्या था उसका मकसद
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने कहा कि लबढ़े बेरोजगार था और अपने परिवार की मदद के लिए भयंदर क्रीक में फिशिंग की नौकरी करता था. चार नशेड़ी उसे हर रोज परेशान करते थे और उसके पैसे छीन लेते थे. इन सबको सबक सिखाने के लिए उसने फर्जी कॉल का सहारा लिया ताकि उन्हें गिरफ्तार करवाया जा सके. अधिकारियों ने यह भी कहा कि लबढ़े अपनी पत्नी को लेकर भी कुंठित था.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 182 के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया है और वह पुलिस की कस्टडी में है.