महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को मुंबई की स्पेशल PMLA कोर्ट ने मंगलवार को 4 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने मलिक को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा कि गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी नवाब मलिक प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संलिप्त नजर आ रहे हैं.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, मामले में गवाहों के बयान हैं, उनसे आरोपी की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संलिप्तता नजर आ रही है. अभी मामले में जांच प्रारंभिक चरण में है. कोर्ट ने कहा, यह भी ध्यान देने योग्य है कि आरोपी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के साथ साथ पहले के रिमांड आदेशों को भी चुनौती दी है. कोर्ट ने कहा, रिमांड रिपोर्ट के आधारों को देखते हुए आरोपी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजना जरूरी है.
न्यायिक हिरासत में हैं मलिक
नवाब मलिक अभी ऑर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. इससे पहले नवाब मलिक ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट से उनके खिलाफ दायर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को रद्द करने की मांग की है. वहीं, इसे लेकर स्पेशल PMLA कोर्ट के जज राहुल रोकड़े ने कहा, मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.
मलिक पर क्या हैं आरोप?
ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था. ईडी का आरोप है कि मलिक ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों- हसीना पार्कर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुंबई के कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रची. इस संपत्ति की कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये है. इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में भी ईडी जांच कर रही है.
ईडी ने एक चश्मदीद गवाह के बयान पर भरोसा करते हुए दावा किया कि हसीना पार्कर को इस संपत्ति के लिए अवैध रूप से 55 लाख दिए गए. इसमें से 5 लाख का भुगतान मलिक के बेटे और भाई द्वारा नकद में किया गया.