महाराष्ट्र के जल संपदा मंत्री गिरीश महाजन का नाम एक बार फिर विवादों में है. महाजन को उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले के चालीसगांव क्षेत्र में तेंदुए को मारने के लिए छेड़े गए सर्च ऑपरेशन में हिस्सा लेते देखा गया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में महाजन को रिवॉल्वर के साथ तेंदुए को खोजते देखा जा सकता है. बता दें कि कुछ दिन पहले महाजन ने शराब ब्रैंड्स की अधिक बिक्री के लिए इनके नाम महिलाओं पर रखे जाने का विवादित बयान दिया था. इस बयान के लिए महाजन ने बाद में माफी भी मांगी थी.
यह पहला मौका नहीं है, जब रिवॉल्वर को लेकर महाजन का नाम सुर्खियों में है. एक बार वो स्कूल के समारोह में लोडेड रिवॉल्वर लेकर पहुंच गए थे.
विपक्षी पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) ने मांग की है कि महाजन के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. NCP नेता नवाब मलिक ने कहा, ये पहला मौका नहीं है जब महाजन को कैमरे पर पिस्तौल के साथ देखा गया है. हमारी मांग है कि वन्य जीवन कानून के उल्लंघन के आरोप में महाजन की तत्काल गिरफ्तारी की जाए. साथ ही केस दर्ज किया जाए. अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है तो दिल्ली में संबंधित अधिकारी के समक्ष ये मुद्दा उठाया जाएगा.
पिछले कुछ महीनों से एक तेंदुए ने क्षेत्र के किसानों को परेशान कर रखा है. इस आदमखोर तेंदुए का इतना आतंक है कि किसान खेती और बहुत जरूरी काम से ही घर से बाहर निकलते हैं. गांव वालों के मुताबिक वन विभाग ने इस तेंदुए को मारने के लिए नोटिस जारी कर रखा है. ये तेंदुआ पिछले 4 महीने में 3 लोगों को मार चुका है.
ये इलाका गिरीश महाजन के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. महाजन उन परिवारों के घरों में सांत्वना देने गए थे, जो तेंदुए के हमले में अपने रिश्तेदारों को खो चुके हैं.
कांग्रेस नेता और एमएलसी संजय दत्त ने भी महाजन के पिस्तौल लेकर घूमने की निंदा की है. दत्त ने कहा, ‘फडणवीस सरकार के मंत्री को वो काम करना चाहिए जिसकी उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है. मंत्री का ये काम नहीं है कि वो रिवॉल्वर लेकर शिकार पर जाए. बेहतर होगा कि वो लोगों के लिए काम करना शुरू करें और प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर ध्यान लगाएं.’
मंत्री गिरीश महाजन ने इस मामले में अपनी सफाई दी है. महाजन के मुताबिक वो शिकार के इरादे से नहीं गए थे. महाजन ने कहा, ‘मेरे हाथ में रिवॉल्वर सेल्फ डिफेंस के लिए थी, तेंदुए ने 6 लोगो को मार डाला. लोग डरे हैं, कोई काम पर नहीं जा रहा. वन विभाग ने तेंदुए को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है. मैंने कोई गलती नहीं की. अचानक तेंदुआ आया और मैं लोगों को छोड़ के भाग नहीं सकता. मैंने कोई स्टंट बाजी नहीं की. विपक्ष के आरोपों को मैं तवज्जो नहीं देता.’
यहां बड़ा सवाल ये है कि क्या मंत्री का इस तरह के अभियान में हिस्सा लेना जरूरी था, जबकि वन विभाग की ट्रेंड टीम पहले से वहां अपने काम को अंजाम दे रही थी. क्या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मुद्दे का संज्ञान लेंगे और अपने मंत्री पर कुछ कार्रवाई करेंगे?