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मुंबईः 'लापता' परमबीर सिंह का सुराग नहीं, क्राइम ब्रांच की गैर जमानती वारंट जारी करने की गुहार

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह इस साल 4 मई से ही छुट्टी पर चल रहे हैं. इसके बाद वह दो बार अपनी छुट्टी बढ़वा भी चुके हैं. इसके बाद में उन्होंने न कोई जानकारी दी ना ही ड्यूटी पर लौटे.

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (फाइल-पीटीआई)
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई क्राइम ब्रांच की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कल
  • पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के चंडीगढ़ में छिपे होने के आसार
  • 4 मई से छुट्टी पर चल रहे परमबीर, कई महीनों से नहीं दिखे

मुंबई क्राइम ब्रांच ने बुधवार को 'लापता' पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबिर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट (non-bailable warrant) जारी करने के लिए किला कोर्ट (Killa Court) में आवेदन दायर किया है. कोर्ट में इस आवेदन पर कल शुक्रवार 29 अक्टूबर को सुनवाई होनी है.

परमबीर सिंह उगाही मामले में महीनों से 'लापता' चल रहे हैं और उनकी तलाश क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है. क्राइम ब्रांच परमबीर सिंह पर सचिन वाझे के खिलाफ दर्ज वसूली के मामले की जांच कर रही है. इसी मामले में छोटा शकील का गुर्गा रियाज भाटी भी आरोपी है जो फिलहाल फरार है. 

चंडीगढ़ में हो सकते हैं परमबीर

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर पिछले कई महीनों से 'लापता' हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसियां पूछताछ के लिए परमबीर सिंह को कई बार बुला चुकी हैं, लेकिन वह अब तक पेश नहीं हुए. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह चंडीगढ़ में हो सकते हैं. जांच के लिए बनाए गए चांदीवाल आयोग की कार्रवाई के दौरान मुंबई में सीनियर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ और आसिफ लम्पवाला, पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से पेश हुए और उनकी ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ दिए गए एक हलफनामे को दायर किया.

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यह पावर ऑफ अटॉर्नी चंडीगढ़ में बनाई गई है और इसमें कहा गया है कि महेश पांचाल नाम के शख्स को जांच आयोग में परमबीर सिंह का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार दिया गया है. हलफनामे में आगे कहा गया कि परमबीर सिंह का समिति के समक्ष कोई निवेदन करने का इरादा नहीं है.

परमबीर ने अनिल देशमुख पर लगाए थे आरोप

परमबीर सिंह ने इसी साल मार्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए चांदीवाल आयोग का गठन किया जबकि सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की.

हालांकि, पिछली कुछ सुनवाई के दौरान समन जारी किए जाने के बावजूद, परमबीर सिंह आयोग के सामने पेश नहीं हुए, जिसके बाद चांदीवाल आयोग ने जमानती वारंट जारी किया था. लेकिन इस जमानती वारंट पर अमल नहीं हो सका क्योंकि पूर्व कमिश्नर का कहीं पता नहीं चल रहा था. दूसरी ओर, उन्होंने आयोग के सामने नहीं आने के लिए खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था.

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह इस साल 4 मई से छुट्टी पर चल रहे हैं. इसके बाद वह दो बार अपनी छुट्टी बढ़वा भी चुके हैं. इसके बाद में उन्होंने न कोई जानकारी दी और ना ही ड्यूटी पर लौटे. जस्टिस चांदीवाल आयोग का गठन राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए किया गया था. आयोग ने पेश ना होने पर परमबीर सिंह के खिलाफ अब तक दो जमानती वारंट जारी कर चुकी है.

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