भड़काऊ बयान देने के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किए गए गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान ने आज गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. मुंबई की बांद्रा कोर्ट में गुरुवार को पेशी के लिए पहुंचे कफील खान ने कहा कि मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी, अब वे मुझे फिर से फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.
बांद्रा कोर्ट में डॉक्टर कफील खान ने कहा कि उन्हें यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं है. यूपी पुलिस उनकी हत्या कर सकती है.
कफील खान के वकील ने कोर्ट में आशंका जताई कि यूपी पुलिस उत्तर प्रदेश ले जाने के दौरान रास्ते में कफील खान का एनकाउंटर कर सकती है. इसलिए ट्रांजिट रिमांड नहीं दिया जाना चाहिए.
कफील खान ने यह भी कहा कि उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है. इसलिए उसे महाराष्ट्र में ही रखा जाना चाहिए. हालांकि बांद्रा कोर्ट ने कफील को ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया. कफील खान को यूपी एसटीएफ ने हिरासत में लिया था.Dr.Kafeel Khan after being arrested by Uttar Pradesh Special Task Force from Mumbai: I was given a clean chit in Gorakhpur children death case, now they are trying to frame me again. I request Maharashtra Govt to let me stay in Maharashtra, I don't trust Uttar Pradesh Police. https://t.co/neDt20zhou pic.twitter.com/JRci64uN4M
— ANI (@ANI) January 30, 2020
डॉक्टर कफील खान ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दें, मुझे उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है.' हालांकि, बांद्रा कोर्ट ने कफील खान की ट्रांजिट रिमांड उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को दे दी. उन पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ बयान देने का आरोप है.
STF ने मुंबई से गिरफ्तार किया
पिछले साल 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में विवादित बयान देने के आरोप में गोरखपुर के डॉ. कफील खान को मुंबई से गिरफ्तार किया गया. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपीएसटीएफ) ने कफील को मुंबई से बुधवार रात गिरफ्तार किया था.
हालांकि कफील को गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ लगाए जाने पर सवाल उठ रहे थे तो इसका जवाब देते हुए यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि गिरफ्तारी न्यायिक प्रक्रिया के तहत हुई है.
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि डॉक्टर कपिल खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया. उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. हम लोग लंबे समय से उनको ट्रैक कर रहे थे. एसटीएफ को यह काम दिया गया था.
कफील के FIR में क्या
डॉक्टर कफील खान के विरुद्ध पिछले महीने 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153-ए के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी.
इसे भी पढ़ें--- डॉक्टर कफील मुंबई से गिरफ्तार, भड़काऊ भाषण देने का है आरोप
कफील के खिलाफ दायर एफआईआर के अनुसार, उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि 'मोटा भाई' हर किसी को हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहा है, लेकिन एक इंसान नहीं. आरएसएस के अस्तित्व में आने के बाद से वह संविधान में विश्वास नहीं करता. सीएए मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाता है और बाद में उन्हें एनआरसी के कार्यान्वयन के साथ परेशान किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें--- UP: प्रमुख सचिव बोले- डॉक्टर कफील को किसी भी मामले में नहीं मिली क्लीनचिट
डॉक्टर कफील खान 2017 में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 60 बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे.