दलितों का यलगार मार्च पुणे से मुंबई पहुंच गया है. बड़ी संख्या में दलित संगठनों के नेतृत्व में लोग यहां के आजाद मैदान पहुंचे हैं. ये लोग भीमा कोरेगांव हिंसा केस के आरोपी संभाजी भिडे को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं.
तमाम दलित संगठन इस मार्च में शामिल हैं और दलित नेता प्रकाश अंबेडकर इसका नेतृत्व कर रहे हैं. अंबेडकर संभाजी की गिरफ्तारी न होने पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने ये भी दावा किया था कि पीएमओ ने हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिडे को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है.
दरअसल, इसी साल भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी को हुई हिंसा हुई थी. जिसमें शिवप्रतिष्ठान संगठन के प्रमुख संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एकबोटे को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अब तक संभाजी गिरफ्त से बाहर हैं. यही वजह है कि दलित संगठनों के आक्रोश ने मार्च का रूप ले लिया है.
संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया था महराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भिडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद आश्वस्त किया था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. लेकिन, हमने जब इस संबंध में पूछताछ की तो पता चला कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें गिरफ्तार नहीं करने या उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया है.
गिरफ्तारी पर पुलिस की चुप्पी के खिलाफ ही दलित संगठनों ने पुणे से मुंबई तक मार्च निकालने का फैसला किया था. जिसके तहत आज बड़ी तादाद में दलित लोग संभाजी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आजाद मैदान पहुंच गए हैं.