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महाराष्ट्र: मंदिर में एंट्री पर विवाद, चक्की मालिक ने दलितों का आटा पीसने से किया इनकार

यह विवाद 3 दिन पहले 2 दलित युवाओं के मंदिर में घुसने को लेकर शुरू हुआ. दो दलित युवक लातूर की निलंगा तहसील के ताडमुगली गांव के रहने वाले हैं. दोनों ही पूजा करने गांव के हनुमान मंदिर में दाखिल हुए थे. इसे लेकर बहस हो गई.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • हनुमान मंदिर में दाखिल हुए थे 2 दलित युवक
  • चक्की मालिक ने आटा पीसने से किया इनकार

मंदिर में दलितों की एंट्री को लेकर महाराष्ट्र के लातूर जिले में विवाद खड़ा हो गया है. घटना के बाद ग्रामीणों ने दलित समुदाय के बहिष्कार का ऐलान किया है. हालांकि, पुलिस का दावा है कि बैठक कर विवाद को सुलझा लिया गया है. 

एजेंसी की रिपोर्ट मुताबिक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह विवाद 3 दिन पहले 2 दलित युवाओं के मंदिर में घुसने को लेकर शुरू हुआ. जानकारी के मुताबिक दोनों दलित युवक लातूर की निलंगा तहसील के ताडमुगली गांव के रहने वाले हैं. दोनों ही पूजा करने गांव के हनुमान मंदिर में दाखिल हुए थे. उन्होंने इस दौरान मंदिर में नारियल भी फोड़ा. इस बात से गांव के दूसरे युवक नाराज हो गए. उन्होंने दलित युवकों के मंदिर में घुसने पर सवाल उठाए. मामला बढ़ने के बाद गांव के लोगों ने पूरे दलित समुदाय का बहिष्कार करने का फैसला किया.

10 रु. के बदले भरने पड़ेंगे 40 हजार

इस घटना के बाद गांव के ही एक आटा चक्की मालिक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वायरल वीडियो में चक्की मालिक दलित परिवार का आटा पीसने से इनकार करता नजर आ रहा है. वीडियो में चक्की मालिक को कहते हुए सुना गया कि अगर वह ग्रामीणों के फैसले के खिलाफ जाता है तो उसे इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा और दलित परिवार से मिले 10 रुपए के बदले 40 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. 

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आपस में हो गई थी गलतफहमी- पुलिस

इलाके के DSP दिनेश कुमार कोल्हे का कहना है कि दोनों पक्षों को बुलाकर बैठक की गई, जिसमें विवाद खत्म हो गया. हालांकि, उन्होंने मंदिर में एंट्री को विवाद का कारण मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि युवकों के बीच किसी गलतफहमी को लेकर विवाद हो गया था. गलती करने वाले युवकों ने समिति की बैठक में माफी मांग ली है.

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