कोरोना के नए वैरिएंट Omicron का खतरा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. जिस रफ्तार से केस मिल रहे हैं, उससे चिंता भी बढ़ती जा रही हैं. इसी बीच महाराष्ट्र में आठ और नए मामलों की पुष्टि हुई है. जिसके बाद देश में Omicron के 113 केस हो चुके हैं. आपको बता दें कि कोविड-19 (Covid-19) का ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) भारत में अब तक 11 राज्यों में फैल चुका है.
ओमिक्रॉन के देश में बढ़ते आंकड़ों में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हैं. यहां अबतक कुल पॉजिटिव केस की संख्या 40 पहुंच गई है. वहीं दिल्ली में अब 22 लोग कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित हैं.
किस राज्य में कितने केस?
| राज्य | ओमिक्रॉन के केस |
| महाराष्ट्र | 40 |
| राजस्थान | 17 |
| दिल्ली | 22 |
| गुजरात | 5 |
| कर्नाटक | 8 |
| तेलंगाना | 8 |
| केरल | 7 |
| आंध्रप्रदेश | 1 |
| चंडीगढ़ | 1 |
| प. बंगाल | 1 |
| तमिलनाडु | 1 |
| कुल | 109 |
मुंबई में 31 दिसंबर तक धारा-144
ओमिक्रॉन के महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 40 केस आ चुके हैं. हालांकि, महाराष्ट्र में जनवरी में ओमिक्रॉन की लहर आने का डर है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के एसीएस डॉ. प्रदीप व्यास ने हाल ही में एक कैबिनेट मीटिंग में बताया कि राज्य में जनवरी में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.
नए साल और क्रिसमस को देखते हुए मुंबई में 16 से 31 दिसंबर तक धारा-144 लगा दी गई है. इसके साथ ही कई पाबंदियां भी लगा दी गईं हैं. किसी भी तरह के बड़े कार्यक्रम और जमावड़ों को करने की मनाही है. किसी भी कार्यक्रम में वेन्यू की 50 फीसदी क्षमता के मुताबिह ही लोगों को आने की इजाजत है.
केंद्र ने तेज की तैयारियां
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी होने के चलते कई मरीजों की जान चली गई थी. ऐसे हालात दोबारा न बनें, इसके लिए केंद्र ने तैयारियां तेज कर दी हैं. ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने सभी राज्यों को ऑक्सीजन प्लांट की मॉक ड्रिल करने की सलाह दी है ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि वो पूरी तरह से चालू हैं या नहीं.
बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जल्द से जल्द ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट को कम्प्लीट करने और उसे पोर्टल पर अपडेट करने की अपील की. साथ ही उन्होंने इसी महीने मॉक ड्रिल पूरी करने को कहा है.
सरकार के मुताबिक, देश में इस समय 3 हजार 246 पीएसए प्लांट इंस्टॉल हैं, जिससे 3 हजार 783 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बनाई जा सकती है.
सावधानी ही बचाव है
ओमिक्रॉन के शुरुआती डेटा से पता चलता है कि ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन या ICU में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. कुछ लोगों में री-इंफेक्शन के मामले भी पाए जा रहे हैं जो कि ज्यादा गंभीर नहीं हैं. हालांकि कई हेल्थ एक्सपर्ट्स और WHO ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और भीड़ वाली जगहों से दूर रहने, सही तरीके से मास्क लगाने और सफाई का पूरा ख्याल रखने को कह रहे हैं.