बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने 2016 के पुणे डील मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंदाकिनी खडसे को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है. हालांकि, जस्टिस एनडब्ल्यू साम्ब्रे ने मंदाकिनी को 17 अक्टूबर से 7 दिसंबर तक हफ्ते में दो बार प्रवर्तन निदेशालय में पेश होने के लिए कहा है.
मंदाकिनी खडसे को अंतरिम राहत देने से पहले जस्टिस साम्ब्रे ने पूछा, मंदाकिनी की हिरासत की आवश्यकता क्यों है? मंदाकिनी को ईडी के सामने पेश होकर जांच में सहयोग क्यों नहीं करना चाहिए?
7 दिसंबर को होनी है अगली सुनवाई
मंदाकिनी की ओर से पेश वकील राजा ठाकरे और मोहन टेकावडे ने हाईकोर्ट को बताया कि वे मंगलवार (12 अक्टूबर) को उनके खिलाफ जारी एक गैर जमानती वारंट के मुताबिक 21 अक्टूबर को यहां विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश होंगी. अदालत ने एजेंसी से मंदाकिनी खडसे की अग्रिम जमानत अर्जी पर 7 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होनी है.
हाईकोर्ट ने कहा, अगली सुनवाई तक मंदाकिनी ईडी के सामने हर मंगलवार और शुक्रवार को पेश होंगी. इतना ही नहीं मंदाकिनी की गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें 50,000 रुपए के निजी मुचकले पर रिहा कर दिया जाएगा.
गैर-जमानती वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची थीं मंदाकिनी
विशेष अदालत ने मंदाकिनी की गिरफ्तारी से पहले की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने के लिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. इसके खिलाफ मंदाकिनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
क्या है मामला?
आरोप है कि एकनाथ खडसे ने 2016 में महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री रहते पुणे में एक जमीन 3.75 करोड़ रुपए में खरीदी थी. जबकि इसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपए थी. इस मामले में ईडी ने एकनाथ खडसे, मंदाकिनी खडसे और उनके दामाद गिरीश चौधरी को आरोपी बनाया है. गिरीश चौधरी को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. वे न्यायिक हिरासत में हैं.