बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने तुर्की से रोबोटिक लाइफबॉय खरीदने की अपनी योजना को रद्द कर दिया है. बीएमसी की इस योजना का लोगों ने बड़े स्तर पर विरोध किया था, क्योंकि तुर्की ने भारत-PAK के बीच तनाव के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था और उसने भारत पर हमले के लिए ड्रोन भी उपलब्ध कराए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, बीएमसी के आयुक्त इस योजना को रद्द करने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, 'हम जल्द ही रोबोटिक वॉटर रेस्क्यू डिवाइस के लिए एक नया टेंडर आमंत्रित करेंगे.'
6 जगहों पर तैनात होने थे रोबोटिक लाइफबॉय
दरअसल, मानसून के दौरान समुद्र तटीय इलाकों में कई लोगों को डूबने की घटनाएं सामने आती हैं. इन्हीं से निपटने के लिए बीएमसी ने तुर्की में बने इन रोबोटिक लाइफबॉय को छह समुद्र किनारों पर लगाने की योजना बनाई थी, जिनमें गिरगांव, दादर, जुहू, वर्सोवा, अक्सा और गोराई शामिल थे.
क्या थी रोबोट की विशेषताएं
इन रोबोटों को 111 लाइफगार्ड्स के समर्थन के लिए खरीदा जाना था जो कई समुद्र तटों पर तैनात हैं. ये रोबोट खराब मौसम के दौरान सर्च ऑपरेशन चलाने के जोखिम को कम करते हैं. इन रोबोटों में कैमरे और रोबोटिक आर्म्स जैसे फीचर्स हैं जो पीड़ितों को खोजने और जलमग्न क्षेत्रों की जांच करने में मदद करते हैं.
राजनीतिक दलों किया किया विरोध
बीएमसी की इस योजना का कई राजनीतिक दलों ने खूब विरोध किया. लेकिन बीते दिनों बीजेपी की पूर्व पार्षद भालचंद्र शिरसाट, सपा के विधायक रईस शेख और शिवसेना (यूबीटी) नेता सचिन पदवाल ने इस योजना का जोरदार विरोध किया.
शिरसाट ने कहा, 'बीएमसी को 'मेक इन इंडिया' उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए.' उन्होंने बीएमसी को पत्र लिखकर भविष्य में किसी भी तुर्की फर्म के साथ सौदा न करने की मांग की थी.