महाराष्ट्र की सत्ता बीजेपी के हाथों से जा चुकी है. राज्य में 'ठाकरे राज' आने वाला है. शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने मिलकर नई सरकार की नींव रखी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महा विकास अघाड़ी पर लगातार हमलावर है. BJP के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया और राहुल गांधी के उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में न जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि राहुल गांधी कर्नाटक में कुमारस्वामी के गले लग गए, लेकिन उद्धव के गले नहीं लग रहे हैं. क्योंकि उनको लगता है कि उद्धव ठाकरे गले की फांस बन जाएंगे. बीजेपी नेता ने कहा कि उद्धव ठाकरे यूपीए में जाएंगे या सिर्फ कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सस्ता की लूट करने के लिए सरकार बना रहे हैं.
राहुल गांधी ने लिखी चिट्ठी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर शपथ ग्रहण में शामिन ना होने पर असमर्थता जताई है. उन्होंने चिट्ठी लिखकर उद्धव ठाकरे को बधाई दी और कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनने से पहले की गतिविधियों से साफ कि लोकतंत्र खतरे में है. मैं खुश हूं कि गठबंधन एकजुट है भाजपा को हराने के लिए जनता को हमसे बड़ी उम्मीद है. राहुल ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हम एक स्थिर, सेक्युलर और गरीबों के हित वाली सरकार देंगे.
Rahul Gandhi in a letter to Uddhav Thackeray: I am glad that Maharashtra Vikas Aghadi has come together to defeat the BJP's attempt to undermine our democracy. I regret that I am unable to be present at the function https://t.co/aa2JQCNMex pic.twitter.com/aGxGvjQaEj
— ANI (@ANI) November 28, 2019
सोनिया ने जताया खेद
सोनिया गांधी ने शपथ ग्रहण में नहीं पहुंच पाने के लिए खेद भी जताया है. उन्होंने लिखा है कि मुझे खेद है कि मैं समारोह में उपस्थित नहीं हो पाउंगी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने लिखा है कि राजनीतिक वातावरण जहरीला हो चुका है. अर्थव्यवस्था चौपट है, किसानों को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.
सामना का जरिए बीजेपी पर हमला
सामना के जरिए गुरुवार को शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. सामना में लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस ने नई सरकार को श्राप दिया है जो उनका भ्रम है. ये सरकार पूरे पांच साल चलेगी. ये सरकार राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि महाराष्ट्र और विकास के मुद्दों पर बनी है और राज्य के विकास के लिए तीनों पार्टियों में कोई मतभेद नहीं है.