महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार ने फिर मराठी कार्ड खेला है. सरकार की नई योजना के तहत मराठी भाषा जानने वालों को ही अब ऑटो रिक्शा का परमिट मिलेगा. वहीं, कांग्रेस ने इसे कानून के खिलाफ बताया है.
मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार में परिवहन मंत्री ने ऐलान किया है कि मराठी न आने वालों को अब ऑटो परमिट नहीं मिलेगा. राज्य में दिवाकर रावते शिवसेना के कोटे से परिवहन मंत्री बने हैं. आदेश के मुताबिक परमिट के लिए एक विशेष पत्र है, जो इलाके में ऑटो चलाकर व्यवसाय करने की अनुमति देगा. यह परमिट परिवहन विभाग की ओर से जारी होता है.
ऑटो परमिट के लिए देनी होगी परीक्षा
मंत्री दिवाकर रावते ने कहा है, 'ऑटो चलाने वाले को मराठी भाषा की जानकारी होगी तभी वह ग्राहकों से आसानी से बातचीत कर सकेंगे.' महाराष्ट्र परिवहन विभाग नवंबर में मुंबई उपनगर, ठाणे और रायगढ़ इलाके में पुराने और नए मिलाकर कुल 1 लाख 40 हजार 65 परमिट्स जारी करने जा रहा है. परमिट के लिए अक्टूबर महीने में लिखित परीक्षा होगी. परीक्षा में मराठी भाषा का ज्ञान परखा जाएगा.
परिवहन मंत्री की ओर से यह घोषणा होने के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना कि भाषा की बुनियाद पर भेदभाव कानून के खिलाफ है.'