महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने सीबीआई की तरफ से उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. देशमुख ने किसी भी जबरदस्त कार्रवाई से संरक्षण देने वाले अंतरिम आदेश की भी कोर्ट से मांग की है.
अप्रैल के अंत में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कई जगहों पर रेड मारी थी जिसमें नागपुर स्थिति देशमुख का आवास भी शामिल था. सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट और इंडियन पेनल कोड की धारा 120 बी के तहत केस दर्ज किया है. यह मामले ऐसे में दर्ज किए गए हैं जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर वसूली रैकेट चलाने का आरोप लगाया था.
बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप के बाद अनिल देशमुख को सूबे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. परमबीर सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप लगाया था. सीएम को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख अपने आवास पर सचिन वाज़े से मुलाकात करते थे. साथ ही उन्होंने हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने की बात कही थी.
इस मामले में जब उद्धव सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया तब परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का रुख किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने परमबीर के आरोपों की जांच सीबीआई को करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अगले 15 दिन की रिपोर्ट देगी जिसके बाद यह फैसला होगा कि अनिल देशमुख पर एफआईआर दर्ज की जाए या नहीं.
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद देशमुख ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. प्राथमिक जांच और देशमुख का बयान दर्ज करने के बाद अप्रैल के अंत में सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी.
(योगेश पांडे के इनपुट्स के साथ)