शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर वंशवाद की राजनीतिक करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे देश नीचे जा रहा है. हालांकि अपने बेटे और पोते के शिवसेना में अहम पदों पर होने के बावजूद उन्होंने दावा किया कि शिवसेना में वंशवाद की राजनीति नहीं है.
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित अपने विस्तृत साक्षात्कार के एक हिस्से में उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा मन में रखे हुए हैं. सोनिया ही सबकुछ हो गयी हैं और निरंकुश तरीके से आगे बढ़ रहीं हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि राहुल की बहन प्रियंका वाडरा राजनीति में ‘एक और इंदिरा गांधी की तरह’ बढ़ रहीं हैं.
मुंबई के एक बाजार का नाम लेते हुए ठाकरे ने कहा, ‘राहुल प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. क्या प्रधानमंत्री की कुर्सी भिंडी बाजार की किसी कुर्सी की तरह है.’ इसी लहजे में उन्होंने कहा, ‘ठाकरे परिवार में कोई वंशवाद नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के नाते बेटे उद्धव और युवा सेना के अध्यक्ष के नाते पोते आदित्य को उन्होंने मनोनीत नहीं किया.
गौरतलब है कि कुछ साल पहले जब उद्धव को शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया था तो बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया.
बाल ठाकरे ने साक्षात्कार में कहा कि महाराष्ट्र में अब कोई नेतृत्व नहीं है. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र ही क्यों, देश में कोई नेतृत्व नहीं है.’
मुंबई में 11 अगस्त को हुई हिंसा के संदर्भ में ठाकरे ने कहा कि असम में बांग्लादेशी उग्रवादी भरे पड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘इंदिरा गांधी ने साहस दिखाया और बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराया. सेना क्या कर रही है? उपद्रवियों को गोली मार देनी चाहिए.’ अफजल गुरू और अजमल कसाब जैसे दोषियों का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अफजल गुरू को 11 साल पहले मौत की सजा सुनाई थी. इन लोगों को फांसी पर क्यों नहीं लटकाया जा सका.
उन्होंने अपने भतीजे राज द्वारा 11 अगस्त की हिंसा के खिलाफ निकाले गये मोर्चे की तारीफ करते हुए कहा, ‘राज ने मोर्चा निकाला. यह अच्छी बात है.’ ठाकरे ने हाल ही में जंतर मंतर पर अन्ना हजारे का अनशन तोड़ने के लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा उन्हें जूस पिलाये जाने का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘कोई नहीं जानता कि यह इलेक्ट्राल था, मौसमी का जूस था या कुछ और था. लेकिन उन्हें जो दिया जाता है वह पी लेते हैं.’