महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि अजीत पवार अपने इस्तीफे पर फिर से विचार करें. साथ ही पवार ने यह भी कहा कि चव्हाण कांग्रेस की समस्या है और वो इसपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.
शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम महाराष्ट्र और दिल्ली में सरकार का समर्थन जारी रखेंगे. हम अस्थायित्व नहीं चाहते हैं.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को दिल्ली वापस भेजा जाना चाहिए जहां वह प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रभावशाली मंत्री थे, शरद पवार ने कहा, ‘चव्हाण मुम्बई में (बतौर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) में हों या दिल्ली में, यह कांग्रेस का अंदरूनी मुद्दा है, यह कांग्रेस का विशेषाधिकार है और इस पर हमारी कोई राय नहीं है.’
जब एनसीपी प्रमुख से पूछा गया कि क्या वरिष्ठ एनसीपी नेता अजीत पवार का इस्तीफा कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए है, उन्होंने कहा, ‘दबाव बनाने का कोई सवाल ही नहीं है.’ शरद पवार ने कहा, ‘एनसीपी के विधायक दल की बैठक हुई थी और उसमें अजीत पवार से अपने फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया था.
बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे जो बाध्यकारी होगा.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या मौजूदा मुद्दे पर एनसीपी बंटी हुई है, तब उन्होंने कहा, ‘विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया था.’ उन्होंने कहा, ‘एक मांग यह है कि श्वेतपत्र प्रकाशित किया जाए तथा कुछ और मुद्दे उठाए गए.
अजीत पवार ने सोचा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य की जनता के सामने तस्वीर साफ हो.’ दोनों दलों के बीच 13 साल पुराने गठबंधन में गहराता तनाव एनसीपी प्रमुख के भतीजे 53 वर्ष के अजीत पवार के इस्तीफे से सामने आया.
अजीत पवार ने 1999 और 2009 के बीच उनके जल संसाधन मंत्री रहने के दौरान सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया.