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Madhya Pradesh: शिव कथा रद करने पर भड़के विजयवर्गीय, कमलनाथ बोले- धर्मप्रेमी सरकार की यह है हकीकत

सीहोर में 28 फरवरी से 7 दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होना था. इसके लिए 15 फरवरी से प्रचार प्रसार शुरू हो गया था. 10 हजार वर्गफीट में पंडाल लगाया गया था. शिव महापुराण कथा और अन्य धार्मिक आयोजन होना था. महोत्सव में सात दिन के अंदर 11 लाख से अधिक रुद्राक्ष बांटे जाने थे. 

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कथा रद होने से भावुक हो गए कथावाचक
कथा रद होने से भावुक हो गए कथावाचक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र
  • सीहोर जिला प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज के गृह जिले सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव के स्थगन का मामला बिगड़ता ही जा रहा है. इस मामले को लेकर सरकार अब अपने ही नेताओं से घिरती नजर आ रही है. कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण कथा के आयोजन के स्थगन पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम शिवराज को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया. उन्होंने लिखा कि भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है. लाखों लोग शामिल होते हैं. कई मंत्रियों को जाम में फंसना भी पड़ता है, लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा रोक दिया गया हो. 

'ऐसा क्या हुआ की कथा रोकनी पड़ी'

कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा कि 28 फरवरी को सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख-सुनकर मुझे बहुत पीड़ा हुई. सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है. आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें कथा को समाप्त करना पड़ा. 

जिला प्रशासन पर दागे कई सवाल

- क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी ?
- क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही रहेगी?
- क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर ले ?

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कथा वाचक से माफी मांगनी चाहिए

भाजपा नेता ने पत्र में कहा कि सीहोर प्रशासन को जाकर प्रदीप मिश्रा से माफी मांगना चाहिए और कथा फिर से शुरू होनी चाहिए. मेरी नजर में शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यों भुगते. मुझे विश्वास है आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे और कथा शुरू करवाने का प्रयास करेंग.

जाम हो गया था भोपाल-इंदौर हाईवे 

कथा शुरू होने से एक दिन पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए थे. 60 एकड़ में विभिन्न स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई थी. भक्तों का तांता लगातार बढ़ता रहा. हालात ये हो गए कि भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे के दोनों ओर जाम की स्थिति बन गई, अफरा-तफरी की स्थिति देख कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा भावुक हो गए. उन्होंने व्यास गादी पर बैठे-बैठे कहा- ऊपर से बार-बार दबाव आ रहा है, इसलिए कथा स्थगित कर रहा हूं. आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अपने घर जाकर ऑनलाइन माध्यम से ही कथा सुनें.

धर्मप्रेमी सरकार की यह है हकीकत: कमलनाथ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सीएम शिवराज पर हमला किया. लिखा 'महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित. एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और नहीं हो सकता है. जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं, यह है उनकी सरकार की हकीकत.
 

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